केजरीवाल अयोध्या जाकर करेंगे राम लला के दर्शन, राम मंदिर पर उठा चुके हैं सवाल

लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दिवाली (Diwali) से पहले अयोध्या जा रहे हैं। खुद को हनुमान भक्त बताने वाले केजरीवाल मंगलवार 26 अक्टूबर को अयोध्या जाकर राम लला के दर्शन करेंगे। हालांकि, राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले वह कई बार इस पर सवाल भी उठा चुके हैं, जिसको लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी।

इससे पहले, राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पर उन्होंने देशवासियों को बधाई भी दी थी। केजरीवाल ने तब ट्वीट कर कहा था, ”भगवान राम का आशीर्वाद हम पर बना रहे। उनके आशीर्वाद से हमारे देश को भुखमरी, अशिक्षा और गरीबी से मुक्ति मिले और भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बने। आने वाले समय में भारत दुनिया को दिशा दे। जय श्रीराम! जय बजरंग बली!”

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) पास आते ही राजनेताओं के अयोध्‍या जाने का सिलसिला तेज हो गया है। इसी क्रम में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राम लला के दर्शन के लिए दिवाली से पहले 26 अक्टूबर को अयोध्‍या यात्रा पर जाएंगे। केजरीवाल की इस अयोध्या यात्रा को भी अब यूपी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

इसी साल मार्च महीने में दिल्ली विधानसभा में LG के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली में रामराज्य की अवधारणा लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है, जब भी यह मंदिर बनकर तैयार होगा वह दिल्ली के सभी बुजुर्गों को फ्री में अयोध्या में राम मंदिर दर्शन कराने लेकर जाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि मैं भगवान राम और हनुमान का भक्त हूं। हम जनता की सेवा के लिए रामराज्य की संकल्पना से प्रेरित होकर 10 सिद्धांतों का पालन करते आ रहे हैं। केजरीवाल ने कहा था कि प्रभु श्रीराम हम सबके अराध्य हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर हनुमान जी का भक्त हूं और हनुमान जी श्रीराम जी के भक्त हैं, इस नाते में दोनों का भक्त हूं।

उन्होंने कहा था कि प्रभु श्रीराम अयोध्या के राजा थे, उनके शासनकाल में सब लोग सुखी थे, किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था, इसलिए उसे रामराज्य कहा गया। राम राज्य एक अवधारणा है। रामचंद्र जी भगवान थे, हम उनके सामने एक तुच्छ इंसान हैं।

हम उनसे किसी भी प्रकार से तुलना नहीं कर सकते, लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर अगर हम रामराज्य के रास्ते पर चलकर एक सार्थक कोशिश भी कर सकें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा। राम राज्य की उसी अवधारणा को दिल्ली में साफ-सुथरी नीयत से लागू करने के लिए पिछले छह साल से हम प्रयासरत हैं।

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