लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल दो जनवरी 2022 को राजधानी लखनऊ में महारैली कर चुनाव अभियान का शुभारंभ करेंगे। बेरोजगारों को हर महीने पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने और 10 लाख लोगों को हर साल नौकरी देने का चुनावी वादा भी करेंगे। आप ने महारैली की तैयारियां शुरू कर दी है। गुरुवार को राजधानी में प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में आप के यूपी प्रभारी व राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने बताया कि महारैली की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
आप के यूपी प्रभारी सदस्य संजय सिंह ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, पुराने बकाया बिल माफ करने के बाद अब बेरोजगारों को भत्ता व नौकरी देने का यह दूसरा वादा वह करेंगे। संजय सिंह ने दावा किया कि रोजगार कार्यालय में करीब 34 लाख बेरोजगार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।
ऐसे में पांच हजार रुपये प्रति माह भत्ता देने पर हर महीने 1700 करोड़ रुपये और साल में 20400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 550 लाख करोड़ रुपये के बजट में इतनी धनराशि निकालना कोई कठिन काम नहीं है। उन्होने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी द्वारा पत्रकारों से की गई अभद्रता की निंदा की और उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की।
संजय सिंंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एंप्लायमेंट एक्सचेंज में 34 लाख बेरोजगार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इन सभी को हम 5000 रुपये प्रतिमाह देंगे जब तक वह बेरोजगार हैं। इसमें करीब 1700 करोड़ रुपये प्रति माह और 20400 करोड रुपये सालाना का खर्च आएगा।
550 लाख करोड़ रुपये के बजट से मात्र 20400 करोड़ निकालना कोई असंभव काम नहीं है। यह सपना सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी पूरा करके दिखाएगी। संजय सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में दो जनवरी को केजरीवाल के इस एलान को लेकर रोजगार गारंटी सभा का आयोजन किया जाएगा। सभी 403 विधानसभा में यह आयोजन किया जाएगा।
संजय सिंह ने कहा कि 18 मुकदमे पहले मेरे ऊपर लिखे जा चुके हैं। मेरे पार्टी का दफ्तर बंद करा दिया गया। घर में पुलिस वालों को भेज कर मेरी पत्नी को डराया धमकाया गया। राष्ट्रद्रोह लगा दिया मेरे ऊपर। हमने तिरंगा यात्रा आगरा में निकाली, गाजियाबाद में निकाली वहां मुकदमा लिख दिया गया।
उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को न स्वेटर नसीब हो रहा है, न जूता मोजा नसीब हो रहा है। न ड्रेस मिल पाई है, न स्कूल बैग मिला है और न ही उनके परिजनों के खाते में 1100 रुपये पहुंच पाया है। कड़ाके की ठंड में मासूम ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं।