तिरुवनंतपुरम। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक बारिश का कहर लगातार जारी है। इन दिनों केरल में तेज बारिश से आयी बाढ़ ने कोहराम सा मचा रखा है। वर्षाजनित दुर्घटनाओं में अब तक करीब 27 लोगों की मौत होने की खबरें है। केरल में एनडीआरएफ और सेना की टुकड़ी राहत काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि केरल में बाढ़ और जमीन धंसने से बीते 24 घंटों में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या गुरुवार को 26 हो गई। वहीं, मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी राज्य में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। माना जा रहा है कि अगर आज भी तेज बारिश होती है तो राज्य के हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, 11, 12 और 13 अगस्त को प्रदेश के सात जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गयी है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, उधमसिंह नगर में भारी बारिश हो सकती है। केरल के इडुक्की के चेरुथोनी डैम में पानी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया। 26 वर्षो के अंतराल के बाद दोपहर 12.30 बजे एशिया के सबसे बड़े अर्ध चंद्राकार बांध इडुक्की जलाशय से पानी का दबाव कम करने के लिए 26 साल बाद बांध का एक दरवाजा खोलना पड़ा।
केरल में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। केरल में सेना, नेवी और एनडीआएफ को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मौसम पूर्वानुमान के मद्देनजर अलप्पुज्हा में शनिवार को होने वाली सालाना नेहरू बोट रेस स्थगित कर दी है। इदामालयर बांध को खोले जाने के बाद पेरियार नदी में बाढ़ आ गई और पानी कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के परिसर तक पहुंच गया, जो दोपहर बाद सभी पहुंचने वाले विमानों के लिए बंद था। लेकिन, पानी 3 बजे हटने के बाद, हवाईअड्डे को फिर खोला गया। इससे पहले विजयन ने स्थिति का आकलन करने के लिए आपातकालीन बैठक आयोजित की और बचाव और राहत अभियान का नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी पी.एच. कुरियन को नियुक्त किया। राज्य सचिवालय में एक विशेष निगरानी प्रकोष्ठ भी खोला गया है और सभी 14 जिला कलेक्टरों को हर जिले में एक निगरानी केंद्र खोलने का निर्देश दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ग्रस्त जिलो में लोगों का पलायन लगातार जारी हैं वह सुरक्षित स्थान की तलाश में है।