नई दिल्ली:दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज सबको चौंकाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से डीपी भी हटा ली है। इसके साथ गहलोत ने केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में अपने इस्तीफे के कई कारण गिनाए हैं। कैलाश गहलोत कभी अरविंद केजरीवाल को अपना हनुमान कहते थे, अब उनका यह कदम राजनीति के जानकारों को हैरान कर रहा है। गहलोत ने पत्र में केजरीवाल के पुराने बंगले में हुए विवाद सहित कई बातों पर प्रकाश डाला है।
कैलाश गहलोत ने पत्र में क्या लिखा है?
दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री का पद संभालने वाले कैलाश गहलोत ने पत्र में कई बातों का जिक्र किया है। अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं,जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं। अब यह स्पष्ट है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती। मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
क्या बीजेपी में जाएंगे?
कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद अब यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि क्या वह अब बीजेपी का दामन थामेंगे? हालांकि अभी ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, न ही उन्होंने खुद से इसके संकेत दिए हैं। केजरीवाल को लिखे पत्र में भी उन्होंने इसका कहीं जिक्र नहीं किया है।
कौन हैं कैलाश गहलोत?
कैलाश गहलोत दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2015 में भी जाट बहुल क्षेत्र नजफगढ़ से जीत दर्ज की थी। 2015 में बंपर जीत के बाद उन्हें ट्रांसपोर्ट, रेवेन्यू, कानून समेत कई विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की बसों में मुफ्त यात्रा का मुद्दा काफी अहम रहा। महिलाओं को फ्री बस यात्रा देने का पूरा खाका खींचने का श्रेय ट्रासपोर्ट मिनिस्टर रहते हुए कैलाश गहलोत को जाता है। दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत इस बार भी नजफगढ़ से विधायक बने।
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