मुम्बई। देश में कांग्रेस मुक्त विपक्ष देने की कोशिशों में जुटीं ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद एनसीपी के मुखिया शरद पवार के भी तेवर बदले दिख रहे हैं। ममता बनर्जी ने शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा कि एनसीपी नेता ने सही कहा कि यूपीए है ही नहीं।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘एक मजबूत विकल्प देने की जरूरत है क्योंकि फिलहाल चल रहे फासीवाद से कोई भी लड़ने के लिए तैयार नहीं है। शरद जी बेहद वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनसे राजनीतिक मामलों पर बात करने के लिए आई हूं। मैं इस बात से सहमत हूं, जो शरद पवार जी ने कहा है कि कोई यूपीए ही नहीं है।’ बता दें कि कांग्रेस पार्टी यूपीए यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख पार्टी है और एनसीपी एवं शिवसेना दोनों उसका हिस्सा हैं।
ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा, ‘हमें लीडरशिप के लिए मजबूत विकल्प देना होगा। हमारी सोच आज के लिए नहीं है बल्कि चुनावों को लेकर है। ऐसा विकल्प स्थापित होना ही चाहिए और इसी को लेकर ममता बनर्जी हमसे मिलने आई थीं। हमारी तमाम मुद्दों पर उनसे सकारात्मक बात हुई है।’
शरद पवार ने कहा कि संजय राउत और आदित्य ठाकरे से उन्होंने मुलाकात की है। आज मेरे साथियों और मैंने उनसे लंबी बात की है। उनका मानना है कि आज के दौर में एक जैसे विचारों वाले दलों को साथ आना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर एक होते हुए उन्हें मजबूत वैकल्पिक नेतृत्व देना चाहिए।
टीएमसी की मुखिया ने मुंबई दौरे में सिविल सोसायटी के लोगों से भी मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया। ममता बनर्जी ने इस दौरान कहा कि यदि कांग्रेस बंगाल में इलेक्शन लड़ सकती है तो फिर टीएमसी गोवा में क्यों नहीं उतर सकती। इस तरह ममता बनर्जी ने साफ संकेत दिया है कि वह कांग्रेस को छोड़ने वाली नहीं हैं औैर आगे भी टेंशन देती रहेंगी।
इस बीच बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना नेताओं के साथ बैठक को मुंबई में एक “शो” करार दिया है। वहीं, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अगले लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी माना जा सकता है।