मेरठ। मेरठ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने जिले के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ समेत प्रदेश के कोरोना संक्रमण वाले जिलों पर खुद निगाह रखे हुए हैं। इन जिलों में मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारी भी तैनात किए हैं। इसके बाद भी कोरोना संक्रमण नहीं रुक रहा।
प्रदेश में आगरा, कानपुर, मेरठ, हापुड़, लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी आदि जिलों में कोरोना संक्रमण खतरनाक रूप ले रहा है। मंगलवार की देर रात तक आगरा में सबसे ज्यादा 1054 कोरोना केस सामने आ चुके थे। इसके बाद कानपुर में 724 और मेरठ में 706 कोरोना केस हैं।
यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिक संक्रमण वाले जिलों में नोडल अधिकारी भी तैनात कर चुके हैं। इसके बाद भी कोरोना वायरस फैलता जा रहा है। मंगलवार को मेरठ में एक ही दिन में छह लोगों की मौत होने और तीन दिन में 100 से ज्यादा केस मिलने से प्रशासनिक अधिकारी चिंतित है।
मेरठ के नोडल अधिकारी आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद ने कोरोना से हो रही मौतों की पूरी जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी मरीजों की केस हिस्ट्री सहित पूरी जांच रिपोर्ट तलब की गई है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते कारणों की पड़ताल के लिए भी जांच कराई जा रही है, ताकि इन कारणों को दूर करके संक्रमण रोका जा सकें।
मुख्यमंत्री रह रहे सीधी निगाह
मेरठ में कोरोना संक्रमण के कारण मेरठ दक्षिण विधायक डाॅ. सोमेंद्र तोमर मुख्यमंत्री से कई बार बात कर चुके हैं। विधायक की पहल पर पहले भी मेरठ में केजीएमयू के विशेषज्ञ डाॅ. वेदप्रकाश को विशेष कार्याधिकारी बनाकर मेरठ भेजा गया था। प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश को नोडल अधिकारी बनाया गया था। अब फिर से आबकारी आयुक्त को नोडल अधिकारी बनाकर भेजा गया है। उनसे प्रतिदिन रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
बाजार खोलने पर किया जा सकता है निर्णय
मेरठ में धीरे-धीरे करके बाजार खोले जा रहे हैं। पूरे एशिया में प्रसिद्ध सर्राफा बाजार को फिर से बंद कर दिया गया है। सूरजकुंड स्पोर्ट्स मार्केट को खोलने की मांग तेज हो रही है। कोरोना संक्रमण के कारण अधिकारी लगातार बैठक कर रहे हैं। एक-दो दिन में मेरठ के बाजारों को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।