नई दिल्ली। कोरोना के कारण लगभग हर देश इस समय कई सारी परेशानियों का सामना कर रहा है। जिनमें से एक हैं कारोबार में तेजी से बढ़ता नुकसान। ग्लोबल मार्केट में कोरोना का कहर साफ देखा जा सकता है। निवेशकों को पैसे डूब जाने का डर सता रहा है। यही कारण है कि वो मार्केट में पैसा नहीं लगा रहे हैं। कोरोना ने सोने के कारोबार को भी जमकर प्रभावित किया है।
कोरोना और लॉकडाउन से सोने की मांग दुनिया भर में घटी है। ग्लोबल डिमांड 11 फीसदी तक घटी है। वहीं भारत में भी सोने पर काफी असर पड़ा है। यहां भी मांग बुरी तरह से गिरी है। वर्ल्ड ग्लोड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के बाद भारत में अप्रैल-जून तिमाही में वॉल्यूम में 70 फीसदी और वैल्यू में 57 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं कंज्यूमर ज्वेलरी डिमांड 63 फीसदी तक घटी है।
गोल्ड रिसाइकल में 64 फीसदी की कमी आई है। गोल्ड इंपोर्ट में भी 95 फीसदी की गिरावट रही है। भले ही लोगों ने सोने को कम खरीदा हो लेकिन लोगों का देश में गोल्ड इन्वेस्टमेंट पर फोकस बढ़ा है। निवेशकों ने गोल्ड बार और कॉइन से ज्यादा ईएफटी में निवेश किया है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि ग्लोबल ईएफटी निवेश में 300 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।