कोरोना के कम्युनिटी ट्रासंमिशन पर आईसीएमआर ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की वैज्ञानिक डॉ. निवेदिता गुप्ता ने बताया कि देश में कोरोना के प्रसार को सामुदायिक प्रसार कहने के बजाय इसके फैलने की गति को समझने की जरूरत है। मंगलवार को प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि देश के कुछ क्षेत्रों में कोरोना का प्रसार तेज है, जिसे रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश अभी कोरोना के मामले बढ़ने के उच्चतम दर से काफी दूर है।
ट्रूनेट टेस्ट को दी गई मान्यता
डॉ. निवेदिता ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों की जांच के लिए घरेलू कंपनी द्वारा तैयार की गई ट्रूनेट टेस्ट किट को मान्यता दे दी गई है, जिससे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ गई है। देश में अब एक लाख 20 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। इसके अलावा देश में 11-12 घरेलू कंपनियां आरटीपीसीआर किट्स तैयार कर रही हैं, जिससे टेस्टिंग की क्षमता में सुधार हुआ है। अब देश में किट्स काफी संख्या में हैं।
देश में कोरोना की जांच के लिए 681 लैब
डॉ. निवेदिता ने बताया कि देश में कोरोना की जांच के लिए 681 लैब स्थापित किए जा चुके हैं। इसमें 476 सरकारी हैं और 205 निजी लैब हैं।
डॉ. रमण गंगाखेडकर हुए क्वारंटीन
आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक की कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आने के बाद उनके संपर्क में आए सभी वैज्ञानिकों को क्वारंटीन कर दिया गया है। इसमें आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमण गंगाखेडकर भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि दो हफ्ते पहले आयोजित बैठक में कई वरिष्ठ वैज्ञानिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए वैज्ञानिक के संपर्क में आए थे।

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