नई दिल्ली। बच्चों के कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अच्छी खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि बच्चों का टीकाकरण अगस्त में शुरू किया जा सकता है। मांडविया ने यह बात मंगलवार को संसद में हुई बीजेपी की पार्लियामेंट्री बैठक में कही है। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए बच्चों को वैक्सीनेट करना एक बड़ा कदम होगा। साथ ही कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच स्कूल खोलने के लिए भी यह अहम होगा।
इससे पहले एम्स के चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बच्चों की वैक्सीन को सितंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और जायडस कैडिला की वैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल चल रहे हैं। इनमें से कोवैक्सिन की ट्रायल के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है।
गुलेरिया ने कहा था कि जायडस कैडिला ने ट्रायल पूरे कर लिए हैं और इमरजेंसी ऑथराइजेशन का इंतजार है। वहीं बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने पहले ही अप्रूव कर दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि सितंबर से हम बच्चों को वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे।
बच्चों का जल्द वैक्सीनेशन इसलिए जरूरी
भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द से जल्द होना जरूरी है। इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमारे सामने महाराष्ट्र का उदाहरण है। मुंबई में कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण बढ़ा है। अब तीसरी लहर में भी देशभर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है।
भारत में अब तक 42 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई गईं
देश में अब तक वैक्सीन की 42 करोड़ डोज लगाई गई हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक सभी युवाओं को वैक्सीन लगा दी जाए। हालांकि, तीसरी लहर के बीच अभी यह तय नहीं है कि बच्चों के लिए कौन सी वैक्सीन चुनी जाएगी।