नयी दिल्ली। सरकार सांसदों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर मौजूदा मानसून सत्र को निर्धारित समय से पहले खत्म करने पर विचार कर रही है, हालांकि इस बारे में कोई अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में विभिन्न दलों के नेता बैठक कर इस मुद्दे पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार सभी दलों को विश्वास में लेने के अलावा 11 अध्यादेशों को विधेयक के तौर पर पारित करा लेना चाहती है।
लोकसभा ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया है। ये विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए गए थे। इसके साथ सांसदों के वेतन में कटौती से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को भी सदन की मंजूरी मिल गई है।
सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है।
गत 14 सितंबर से सत्र की शुरुआत होने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों सत्र में शामिल हुए थे। कई सांसदों के भी कोरोना वायरा से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।