लखनऊ-। कोरोना संकट के दौरान योगी सरकार ने किसानों की जरूरतों की पूरा ध्यान रखा है और उन्हें भुगतान कराने को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर किसानों को किए जा रहे भुगतान की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि कोरोना आपदा के दौरान गेहूं किसानों को प्रदेश सरकार ने 3,890 करोड़ का भुगतान किया। लॉकडाउन के बावजूद फसल खरीद के बाद तत्काल गेहूं किसानों के खातों में रकम भेजी गई।
लॉकडाउन के बाद भी सरकार युद्धस्तर पर गेहूं खरीद कराती रही। एफपीसी के माध्यम से किसानों के खेतों पर जाकर भी गेहूं खरीद की गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अभी तक कुल 3.477 लाख कुंतल गेहूं की खरीद की गई। लॉकडाउन के दौरान ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 8,887 मीट्रिक टन चने की भी खरीद हुई और इसका भुगतान किया गया।
फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कृषि यंत्रों को खेतों तक जाने की सबसे पहले छूट प्रदान की थी। वहीं लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सभी 119 चीनी मिलें चलाकर गन्ना पेराई का काम कराया। इस दौरान इस सत्र का गन्ना किसानों को 20,000 करोड़ का भुगतान किया गया। फसल खरीद के तत्काल बाद सीधे खातों में धनराशि भेजी गई।
इस सत्र में 11,500 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई। प्रदेश में रिकार्ड 1,251 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश देश का पहला चीनी उत्पादक राज्य हुआ। चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। पिछले तीन सालों में सरकार ने गन्ना किसानों को 99,000 करोड़ का भुगतान किया है।
72,424 श्रमिकों को भी पूरे लॉकडाउन के दौरान 119 चीनी मिलों में रोजगार मिला। गन्ना छिलाई में भी 10 लाख श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार दिया गया। 2.4 करोड़ किसानों को कोरोना आपदा के दौरान ही दो बार दो-दो हजार की किसान सम्मान निधि दी गई।