नई दिल्ली. केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने हैण्ड सैनेटाईज़र और मास्क को ज़रूरी चीज़ों की लिस्ट से हटा दिया है. सरकार के इस कदम के बाद कोरोना जैसी बड़ी आपदा के समय हैण्ड सैनेटाईज़र और मास्क की कीमतों पर सरकार का कोई अंकुश नहीं रहेगा और उसे मनमाने दाम पर बेचा जा सकेगा.
कोरोना के मरीज़ जब देश में आठ लाख का आंकड़ा पार करने को बेताब हैं. जब हैण्ड सैनेटाईज़र और मास्क ज़िन्दगी की गाड़ी को चलाने के लिए सबसे ज़रूरी हो गए हैं तब सरकार ने उसे ज़रूरी चीज़ों की सूची से हटाकर उसका दाम तय करने का अधिकार उसे बनाने और बेचने वालों पर छोड़ दिया है.
कोरोना के जो हालात हिन्दुस्तान में हैं उसमें साल 2020 के अंत तक इसका खत्म हो पाना संभव नहीं है. बड़ी संख्या में इससे लोगों की मौतें हो रही हैं. लॉक डाउन खत्म किये जाने के बाद कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर लॉक डाउन को शुरू करने का मन बनाया है और 10 जुलाई को रात 10 बजे से इसे अगले तीन दिनों के लिए फिर से लगाने का फैसला किया है लेकिन हैण्ड सैनेटाईज़र और मास्क की कीमतों को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की थीं अब यह ज़रूरी चीज़ों की लिस्ट से बाहर होने के बाद यह बाज़ार के हवाले हो गया है. लोगों के लिए खाने से भी ज्यादा ज़रूरी बन चुकी इन चीज़ों को दुकानदार मनमाने दाम पर बेचेंगे और लोग लुटने को मजबूर होंगे.
कोरोना की जंग जिस हैण्ड सैनेटाईज़र और मास्क के ज़रिये लड़ी जा रही है लेकिन अब वही ज़रूरी चीज़ों की सूची से बाहर हो गए हैं. मतलब यह मान लिया जाना चाहिए कि कोरोना से जंग अब खत्म हो चुकी है.