नई दिल्ली। पंजाब में कांग्रेस की कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल वहां सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच का विवाद गहराता जा रहा है।
आलम तो यह है कि दोनों के बीच सुलह कराने में अब तक आलाकमान नाकाम रहा है और उसके पसीने छूट गए है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत इस मामले को सुलझाने का पहले दावा कर रहे थे लेकिन अब शायद मामला अब उनके हाथ से भी निकल गया है क्योंकि कैप्टन किसी तरह से झुकने को तैयार नहीं है।
हालांकि हरीश रावत शनिवार को देर किये बगैर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने के लिए राज्य सरकार के हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं।
बताया जा रहा था कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का बॉस बनाकर मामले को खत्म कर दिया जायेगा लेकिन अब कैप्टन इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में देखा जाये तो सिद्धू की ताजपोशी अधर में अटक गई है।
इतना ही नहीं नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गई उन्होंने कल सोनिया गांधी को पूरे मामले पर एक पत्र लिख डाला है। उन्होंने इस पत्र के माध्यम से अपनी नाराजगी भी जतायी है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि कांग्रेस आलाकमान ज़बरदस्ती पंजाब सरकार और पंजाब की राजनीति में दख़ल दे रही है।
सोनिया को लिखी पत्र में कैप्टन ने कहा है कि जबरन पंजाब की राजनीति में दखल न दें। इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसके पीछे वजह भी कैप्टन ने अपने पत्र में बतायी है।
उन्होंने कहा है कि पंजाब के हालात इतने अनुकूल नहीं है और इसका नुकसान पार्टी और सरकार दोनों को उठाना पड़ सकता है। इसके लिए आला कमान को समझना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले कहा जा रहा है कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस के नये अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं लेकिन कैप्टन को ये पसंद नहीं आ रहा है।
बता दें कि पंजाब में विधान सभा चुनाव अगले साल होना है। इस वजह से कांग्रेस चाहती है कि दोनों के बीच चला आ रहा विवाद जल्द हो खत्म जाना चाहिए लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है।