नई दिल्ली। गुजरात कांग्रेस के नेताओं पर खुद को किनारे करने का आरोप लगाने वाले हार्दिक पटेल के तेवर ही नहीं अब कलेवर भी बदले नजर आ रहे हैं। वॉट्सऐप पर उनकी नई डीपी तो यही संकेत देती है। अब तक कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे के साथ नजर आने वाले हार्दिक पटेल ने भगवा शॉल ओढ़ ली है।
इसके अलावा बायो से भी खुद के कांग्रेस नेता का परिचय हटा दिया है। अब उन्होंने खुद को प्राउड इंडियन, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और मानवता में यकीन करने वाला शख्स बताया है। इस पूरे परिचय में कांग्रेस का कहीं भी जिक्र नहीं है, हालांकि अब भी उन्होंने पाटीदार नेता का अपना परिचय बरकरार रखा है।
उनकी इस नई डीपी से एक बार फिर से कयास तेज हो गए हैं कि क्या हार्दिक पटेल कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ जा रहे हैं। बीते कई महीनों से वह कांग्रेस में बागी तेवर दिखा रहे हैं। पिछले दिनों तो उन्होंने एक इंटरव्यू में यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस के ही नेता नहीं चाहते कि अब मैं पार्टी में रहूं।
उन्होंने कहा कि उन्हें गुजरात में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। यही नहीं उनका कहना था कि गुजरात में चुनाव करीब हैं, लेकिन कांग्रेस की कोई तैयारी नही हैं, जबकि भाजपा में मजबूत स्थिति में है। उनका कहना था कि कांग्रेसी नेताओं के रवैये की शिकायत उन्होंने राहुल गांधी से भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हार्दिक पटेल को लेकर कयास उस वक्त और तेज हो गए, जब पिछले दिनों उन्होंने खुद को राम भक्त बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राम मंदिर बनाया है और आर्टिकल 370 को हटाकर बड़ा काम किया है। आमतौर पर कांग्रेस के नेता इन मुद्दों पर बात नहीं करते हैं, लेकिन भाजपा की इस तरह से तारीफ ने हार्दिक पटेल को लेकर कयास तेज कर दिए हैं।
यदि विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल होते हैं तो भगवा दल को इससे बड़ी ताकत मिलेगी। खासतौर पर पाटीदार समुदाय के बीच वह अपनी पैठ मजबूत कर सकेगी, जिसके बारे में कहा गया था कि आरक्षण आंदोलन के बाद उसका एक वर्ग भाजपा से दूर गया है।