पटना। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके चलते राजनीतिक सरगर्मी अचानक बढ़ गई है। जहां एक ओर आरजेडी और जेडीयू चुनावी रणनीति बना रही हैं, वहीं प्रशांत किशोर भी अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटे हैं।
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब तक बिहार में लालू यादव के सहारे ही अपनी राजनीतिक गतिविधियां संचालित करती आई है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें नहीं दी जाएंगी। ऐसे में कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इस चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को बिहार में सक्रिय करने का बड़ा फैसला लिया है। बिहार चुनाव को देखते हुए कांग्रेस रोजगार और पलायन के मुद्दे पर कन्हैया कुमार के नेतृत्व में पदयात्रा निकालने की तैयारी में है। कांग्रेस की यह रणनीति 2025 चुनाव में कारगर साबित हो सकती है।
कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से जेडीयू, बीजेपी और नीतीश कुमार को घेरने की योजना बना रही है। बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरू ने कहा कि कांग्रेस की पदयात्रा पलायन और नौकरी के मुद्दे पर है, जो इस मुद्दे से भटकाने की कोशिश करेगा, मतलब वह बिहार सरकार की मदद करेगा।
साथ ही कन्हैया कुमार ने कहा कि यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई की बैठक में फैसला लिया गया कि बिहार का जो सबसे दर्दनाक पहलू है, उसके संबंध में एक पदयात्रा करनी चाहिए। अब देखना होगा कि क्या कन्हैया कुमार के सहारे कांग्रेस बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर पाएगी?
हालांकि तेजस्वी यादव की तरफ से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस के इस कदम से आरजेडी पर दबाव बनाया जा सकता है, ताकि सीट बटवारे पर अपनी भूमिक को और मजबूत किया जा सके। तेजस्वी यादव भी इस वक्त खूब एक्टिव है और लगातार जनता के बीच जाकर लोगों का समर्थन मांग रहे हैं।