क्या महज हवा-हवाई हैं सरकार के आदेश? आपकी आंखें नम कर…

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ लेकिन इस दौरान देश के कई हिस्सों से ऐसी कई मार्मिक तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहें हैं, जिससे पता चलता है यह लॉकडाउन गरीबों के लिए कितनी बड़ी परेशानी बनकर सामने आया है। मजदूर अपने घर जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर है। लॉकडाउन में हजारों मजदूरों की बेबसी और लाचारी अब किसी से भी छिपी नहीं है। इसका एक और ताजा मामला तब देखने को मिला जब लॉकडाउन के बीच एक बच्चा पैदल चलने से इतना थक चुका था कि सूटकेस पर सो गया और उसकी मां बेचारी बेबस होकर उस सूटकेस को सडक़ पर घसीटने पर मजबूर हो गई।

बेटे के सूटकेस पर सोने की वजह से सूटकेस का वजन और ज्यादा बढ़ गया है लेकिन एक मां अपने घर वापस लौटने के लिए इतनी बेचैन है उसे इस सूटकेस के भार का कोई गम नहीं है। हालांकि सूटकेस का वजह बढ़ जाने के बावजूद उसकी रफ्तार में कोई कमी नहीं है। जानकारी के मुताबिक यह महिला यूपी के आगरा से होते हुए अपने घर लौटने के लिए पैदल सफर कर रही है। महिला झांसी जाना चाहती है।

सोशल मीडिया पर तस्वीर तेजी से वायरल भी हो रही है और देखा जा सकता है कि बच्चा सूटकेस पर सोया हुआ है। मजदूरों का यह समूह पंजाब से पैदल चल कर आ रहा है और झांसी जाना चाहता है। हालांकि अभी सफर 800 किलोमीटर बाकी है।

कुल मिलाकर देखा जाये तो कोरोना ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। आलम तो यह है कि बेबस और लाचार मजदूरों के पास कोई काम नहीं बचा है और खाने के लिए पैसा भी नहीं है। भले ही सरकार इनकी मदद की बात कह रही है लेकिन अब भी कई लोग सरकारी मदद से कोसो दूर है।

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