क्वारंटाइन सेन्टर से फरार कानपुर शेल्टर होम की दो लड़कियां बरामद

कानपुर। उत्तर प्रदेश के राजकीय बालिका गृह में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पनकी रतनपुर में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर से बालिका गृह की दो लड़कियां मौका पाकर फरार हो गईं। सूचना पाकर पहुंची पुलिस व प्रशासनिक टीम ने मौके पर जांच की।

एसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया- सर्च ऑपरेशन चलाकर लड़कियों को वापस लाया गया है। इस लापरवाही में जिसका भी रोल होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, यहां की 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इन्हें क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है।

तीन दिन में मिली थीं 57 लड़कियां संक्रमित

कानपुर में राजकीय बालिका गृह में रह रही 57 बालिकाओं में 17 जून से 19 जून देर रात तक आई रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई थी। संक्रमितों में पांच गर्भवती थीं। इनमें एक गर्भवती बच्ची एचआईवी पॉजिटिव भी है और दूसरी गर्भवती बच्ची हेपेटाइटिस सी से संक्रमित है। दोनों गर्भवती लड़कियों का हैलट में इलाज चल रहा है। लेकिन इसके बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया और लड़कियां गर्भवती कैसे हुईं? इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। सीएम योगी के अलावा महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया।

क्षमता से अधिक रह रही थीं बालिकाएं

महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने गुरुवार को डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी से मुलाकात की। बाल गृह की बच्चियों व स्टॉफ को पनकी स्थित केडीए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। जांच में यह भी सामने आया कि, यहां 100 बालिकाओं को रखने की क्षमता है। बावजूद इसके यहां 171 लड़कियां रहती थीं।

27 जून को क्वारैंटाइन सेंटर से सभी बच्चियां और स्टॉफ राजकीय बालगृह आएंगे। उसी दिन डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रोबेशन अधिकारी के साथ महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष विमला बाथम बैठक करेंगी। यहां से बच्चियों को कहीं और शिफ्ट किया जाएगा। इन्हें कहां रखा जाए या फिर नया शेल्टर होम बनाया जाए, इस बैठक में यह तय किया जाएगा।

डीएम ने अज्ञात पर दर्ज कराया केस
दो लडकियों के एचआईवी और हेपेटाइटिस से संक्रमित होने के प्रकरण में अज्ञात लोगों के खिलाफ लोगों को गुमराह करने का मामला दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी ब्रहमदेव राम तिवारी ने लोगों से आपदा के समय में इस संवेदनशील मुद्दे पर गलत तथ्य न रखने की अपील करते हुए कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन नजर रख रहा है।

उन्होंने एक बार फिर कहा कि, संरक्षण गृह में लाते वक्त जब उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया था, तभी वो गर्भवती मिलीं थीं। इस बात का जिक्र तब की मेडिकल रिपोर्ट में भी स्पष्ट तौर पर मौजूद है।

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