नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के अस्पताल ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे हैं। दिल्ली सरकार से अस्पताल लगातार गुहार लगा रहे हैं। दिल्ली सरकार रोजाना एक रिलीज जारी करती है जहां हर अस्पताल में ऑक्सीजन की बची मात्रा का हिसाब होता है, लेकिन संकट जस का तस बना रहता है। अब अस्पताल प्रशासन दिल्ली पुलिस से मदद मांग रहे हैं। उधर, दिल्ली पुलिस भी अपनी पूरी ताकत महामारी से जूझ रहे मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में झोंक रही है।
दिल्ली के गोयल अस्पताल और खंडेलवाल अस्पताल में 24 अप्रैल को ऑक्सीजन पहुंचाने की कहानी किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं। इस फिल्म में रॉबिनहुड का किरदार निभाया दिल्ली पुलिस ने।
गोयल अस्पताल तक ऑक्सीजन पहुंचाने का किस्सा किसी थ्रिलर फिल्म जैसा
‘हास्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो रही थी, बस कुछ ही घंटे हमारे पास बचे थे। मेडिकल ऑक्सीजन लेने हमारी गाड़ी बदरपुर के एक ऑक्सीजन प्लांट में गई थी, लेकिन लंबी कतार की वजह से ऑक्सीजन मिल नहीं रही थी। हम दिल्ली सरकार को भी फोन कर रहे थे, लेकिन कुछ हो नहीं पा रहा था। हमने सोचा एक बार दिल्ली पुलिस की शरण लें, हमने करीब पौने पांच बजे कृष्णा नगर थाने में फोन किया।
और महज डेढ़ घंटे के भीतर शाम करीब 7.30 बजे ऑक्सीजन के 58 सिलेंडर हमारे अस्पताल के गेट पर थे।’ गोयल हॉस्पिटल की एचआर टीम के शिवा चक्रवर्ती ने बताया अगर 30 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती तो 60 मरीजों की जान खतरे में आ जाती। पुलिस बिल्कुल ठीक समय पर मरीजों के लिए ‘रक्षक’ बनकर आई।
उधर, कृष्णा नगर थाने के SHO राजकुमार साहा ने बताया, ‘कृष्णा नगर थाने में शाम 4.47 बजे कॉल आई। फोन पर उस तरफ से गोयल अस्पताल के डॉ. जितेंद्र थे। कह रहे थे कि सर हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म होने वाली है। 60 कोविड पेशेंट ऑक्सीजन पर हैं। अगर ऑक्सीजन नहीं पहुंची तो मुश्किल हो जाएगी। आप मदद करें… हमने DCP सर को सूचित किया। उन्होंने बिना देरी किए ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही बाधा को दूर कर मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का निर्देश दिया। हमने फौरन एक टीम तैयार की।
उधर, स्थानीय थाना बदरपुर से बात की। स्थानीय पुलिस से मदद ली। ऑक्सीजन सप्लाई की गाड़ी बदरपुर बॉर्डर में अटकी थी। तकरीबन 35-40 मिनट में हमारी टीम वहां पहुंची। स्थानीय पुलिस पहले से तैनात थी। हमने फटाफट ऑक्सीजन मेडिकल स्टाफ को दिलवाई। ग्रीन कॉरिडोर बनाया, बाइकर पुलिस के संरक्षण में ऑक्सीजन सिलेंडरों से भरी गाड़ी को अस्पताल तक पहुंचाया। अस्पताल से फोन आने और ऑक्सीजन पहुंचाने में हमें 2 घंटे का वक्त लगा।’
SHO राजकुमार साहा ने बताया, ‘महामारी के दौर में हर मिनट बेहद कीमती है, क्योंकि सांसें कुछ मिनट का भी इंतजार नहीं करतीं।’ DCP सर ने हमें बिना एक मिनट की देरी के ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही बाधा को दूर कर अस्पताल तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का निर्देश दिया, उनका निर्देश मिलते ही बिना एक पल गंवाए हम एक्शन में आ गए।
खंडेलवाल अस्पताल में भी कुछ मिनटों की बची थी ऑक्सीजन
‘खंडेलवाल हॉस्पिटल में भी मेडिकल स्टाफ की सांसें रुकने लगी थीं। ऑक्सीजन का संकट सिर पर खड़ा था। तकरीबन 2 घंटे की ही ऑक्सीजन बची थी। अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बहादुर गढ़ स्थित गैस सप्लायर करता है, लेकिन गैस सप्लायर रिस्पांस करना बंद कर चुका था। अब क्या? खंडेलवाल अस्पताल के डॉक्टर नसीम ने बताया, ‘ हम लगातार सोच रहे थे क्या करें? कानों में एक बड़ी दुर्घटना की आहट बढ़ते समय के साथ और साफ होती जा रही थी। अचानक दिमाग में आया पुलिस को फोन करें। हमने कॉल की, और तीन घंटे के भीतर ऑक्सीजन सप्लाई अस्पताल तक पहुंच गई।’ खंडेलवाल अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के एक कर्मचारी ने हमें नाम न छापने की शर्त पर बताया।
DCP आर साथिया सुंदरम ने बताया, ‘कृष्णा नगर स्थित खंडेलवाल अस्पताल के डॉक्टर नसीम से शनिवार सुबह 11-11.30 बजे सूचना मिली थी कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने वाली है, लेकिन उनका ऑक्सीजन सप्लायर कोई रिस्पांस नहीं कर रहा है। इसके बाद कृष्णा नगर थाना की टीम को अस्पताल में ऑक्सीजन व्यवस्था के लिए सक्रिय किया गया। कृष्णा नगर थाना SHO राजकुमार साहा के नेतृत्व में टीम ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हरियाणा के बल्लभगढ़ से ऑक्सीजन का सिलेंडर खंडेलवाल अस्पताल पहुंचाया।’
SHO राजकुमार साहा ने बताया, ‘थाने में खंडेलवाल अस्पताल से सुबह 11-11.30 डॉक्टर नसीम का फोन आया, उधर से आवाज आई, सर हमारे यहां ऑक्सीजन ऑलमोस्ट खतम है। हमारी मदद करें, बहादुर गढ़ गैस सप्लायर के यहां से हमारी ऑक्सीजन सप्लाई अटकी है। उसे क्लियर कराएं। हमारे यहां 30 मरीज ऑक्सीजन पर हैं। डॉक्टर घबराए हुए थे, हमने स्थानीय थाने, गुजराल नांगल के एसआई राम वीर को फोन किया, कहा सर ऑक्सीजन सप्लाई नहीं पहुंची तो 30 मरीजों की जान आफत में पड़ जाएगी। राम वीर तुरंत हरकत में आए। उन्होंने सप्लाई क्लियर कराने में मदद की। हमने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। ऑक्सीजन के करीब 11 सिलेंडर अस्पताल पहुंचाए।’