लखनऊ। खुद को प्रयागराज हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बताकर डीजीपी को फोन करने वाले युवक को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी लखीमपुर खीरी का रहने वाला है और पहले भी इस तरह की हरकत कर चुका है। इस मामले में डीजीपी के पीएसओ ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मोबाइल नंबर के सहारे लोकेशन ट्रेस करके आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया।
एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार डीजीपी की पीएसओ ड्यूटी में तैनात हैं। दिनेश के मुताबिक सात मई की रात 9:45 बजे से साढ़े दस बजे के बीच एक अज्ञात मोबाइल नंबर से डीजीपी के सीयूजी नंबर पर कई बार फोन आए। फोनकर्ता ने खुद को प्रयागराज हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बताते हुए डीजीपी से बात करने को कहा। बातचीत के दौरान उसने पीएसओ पर अनर्गल दबाव भी बनाया। शक होने पर पीएसओ दिनेश कुमार ने मुख्य न्यायाधीश के आवास पर फोन करके जानकारी की तो पता चला कि उक्त मोबाइल नंबर मुख्य न्यायाधीश और उनके स्टॉफ में से किसी का नहीं है।
उधर, आरोपी लगातार डीजीपी के सीयूजी नंबर पर फोन करता रहा। पीएसओ ने समझाने की कोशिश की तो वह अभद्रता पर उतारू हो गया। परेशान होकर पीएसओ दिनेश कुमार ने उच्चाधिकारियों को प्रकरण की जानकारी दी और फिर मोबाइल नंबर धारक के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया।
लखीमपुर खीरी से दबोचा
इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त मोबाइल नंबर का ब्योरा खंगाला गया। पता चला कि नंबर लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी थानाक्षेत्र के बलकियां बड़घर निवासी सूरज पटेल का है। आरोपी की सही लोकेशन मिलने पर पुलिस की एक टीम फौरन लखीमपुर खीरी रवाना हुई, जहां सूरज पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया।
112 पर भी कर चुका है फेक कॉल
एसीपी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी सूरज पटेल की उम्र 19 वर्ष है। उसके पिता खेती करते हैं। सूरज ने पूछताछ में बताया कि वह जानबूझ कर गलत पहचान बताकर डीजीपी के सीयूजी नंबर पर फोन कर रहा था। जांच में सामने आया कि सूरज पहले भी इस तरह की हरकत कर चुका है। करीब छह महीने पहले उसने 112 कंट्रोल रूम पर फोन करके फर्जी सूचना दी थी। उसे जेल भेज दिया गया है।