नई दिल्ली। अपने 400 कर्मचारियों को कोरोना के कारण खोने के बाद अब कोल इंडिया लिमिटेड ने मोदी सरकार से अपने कर्मचारियों के लिए टीके की मांग की है। कोल इंडिया में करीब 2 लाख 59 हजार कर्मचारी काम करते हैं। अब कंपनी ने कहा है कि उसने सरकार को चिट्ठी लिखकर अपने स्टाफ और उनके परिवार वालों के लिए कोरोना रोधी टीके की 10 लाख खुराकें मांगी हैं।
कंपनी के मुताबिक, अभी तक उसके 64 हजार कर्मचारियों ने टीका लिया है लेकिन अब वह अपने सभी कर्मियों को तेजी से टीका लगाना चाहती है। मजदूरों के जाने-माने संगठनों में से एक अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के जनरल सेक्रटरी सुधीर घुर्दे कहते हैं, ‘कंपनी बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर के सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों को टीका देना चाहती है ताकि वायरस को नियंत्रित किया जा सके।’
कोयला खदानों में काम करने वाले कर्मी इस महामारी में लॉकडाउन के दौरान भी लगातार काम कर रहे हैं ताकि पावर प्लांटों चलते रहें। इस साल फरवरी में शुरू हुए कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हजारों-लाखों मौतों के बावजूद कोयला खदानों में काम चलता रहा है।
कोल इंडिया ने कहा है कि अधिकतर मौतें कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई हैं। हालांकि, अब स्थिति सुधरने लगी है लेकिन इसकी तीसरी लहर आने की आशंका के बीच कंपनी ने अब कुछ समय के लिए मेडिकल स्टाफ की भर्ती भी कर रही है और ऑक्सीजन प्लांट लगाने की भी तैयारी कर रही है। अभी तक कंपनी के कुल 6 हजार कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1000 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर हालांकि अब मंद पड़ रही है लेकिन इस संक्रमण ने देश के 3 लाख 51 हजार से ज्यादा नागरिकों की जान ले ली है। देश में कुल 23.9 करोड़ लोगों को अब तक कोरोनो रोधी टीका दिया गया है। भारत ने इसी साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू किया था। कुल टीका पाने वालों में से 3.1 प्रतिशत ऐसे हैं जिन्हें दोनों खुराकें मिल चुकी हैं।
बता दें कि कोल इंडिया ने ऐलान किया है कि वह कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले अपने कर्मियों के परिवार को 15 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।