लखनऊ। राजस्थान की गहलोत सरकार को घेरने की कवायद तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी राजस्थान हाई कोर्ट में छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दाखिल की है। बसपा महासचिव सतीश मिश्रा की ओर दाखिल याचिका में विधायकों के विलय को चुनौती दी गई है।
बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बीएसपी विधायकों का कांग्रेस में विलय कराए जाने का मायावती कई बार विरोध कर चुकी हैं।
इससे पहले बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा था कि बीएसपी पहले भी कोर्ट जा सकती थी, लेकिन हम उस समय का इंतजार कर रहे थे, जब अशोक गहलोत और कांग्रेस को सबक सिखाई जा सके। अब हमने कोर्ट जाने का फैसला किया है. हम इस मुद्दे को जाने नहीं देंगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान में चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से सीएम अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे सभी विधायकों को अपनी पार्टी में विलय करा दिया।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक मदन दिलावर ने भी राजस्थान हाई कोर्ट में नई याचिका लगाई है। इस मामले को लेकर मदन दिलावर ने पहले भी याचिका लगाई थी, जिसे सोमवार को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
मदन दिलावर की मांग थी कि इन 6 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करें, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मदन दिलावर हाई कोर्ट पहुंच गए। इस बीच 24 जुलाई को स्पीकर ने शिकायत को निस्तारित कर दिया। इस वजह से हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो गई थी।