गाजियाबाद। गाजियाबाद-हापुड़ लोकसभा के पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल (74 वर्ष) का शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। उनकी रिपोर्ट 30 जुलाई को आई थी। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों व उनके समर्थकों में शोक छा गया है। उनके सरायनजर अली स्थित आवास पर शोक जताने वाले लोगों का तांता लग गया है। उनका अंतिम संस्कार आज दोहपर साढ़े 12 बजे हिंडन तट के शमशान घाट पर किया जाएगा।
श्री गोयल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी से सीधे संपर्क में रहते थे। उन्हें कुछ सप्ताह पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली के सरगंगाराम अस्पताल में दाखिल कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे। उनके पुत्रा सुशांत गोयल ने बताया कि अस्पताल में आज सुबह साढ़े छह बजे चिकित्सकों ने उनके निधन की पुष्टि की।
सुरेंद्र गोयल बहुत ही लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। वह वर्ष 19971 में गाजियाबाद नगर पालिका से सभासद चुने गए थे। इसके बाद नगर पालिका के चेयरमेन भी रहे। बेहद सरल, व्यवहार कुशल व हंसमुख स्वभाव के धनी सुरेंद्र गोयल ने वर्ष 2002 में गाजियाबाद विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने कई बार विधायक रहे भाजपा विधायक बालेश्वर को त्यागी का पराजित किया था।
इसके दो साल बाद ही वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने गाजियाबाद-हापुड़ लोकसभा से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भाजपा के सांसद रमेश चंद्र तोमर का पराजित किया था। बाद में 2009 के चुनाव में राजनाथ सिंह से लोकसभा चुनाव हार गए। इसके बाद वह गाजियाबाद व मुरादनगर विधानसभा से चुनाव लड़े लेकिन पराजित हो गए।
पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी ने उनके निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गोयल एक अच्छे जनप्रतिनिधि थे और अपने व्यवहार से अपने विरोधियों के असंतोष को सामान्य करने में माहिर थे। श्री त्यागी कहते हैं कि उनमें एक खासबात यह भी थी कि वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे। यहां तक कि यदि उन्हें अपने विरोधियों की मदद करने में पीछे नहीं रहते थे। कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी के निधन के बाद यह कांग्रेस को दूसरा बड़ा सदमा है। राजीव त्यागी का एक चैनल की डिबेट के दौरान 12 अगस्त को हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था।