नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज दिल्ली हाई कोर्ट में बोला कि घोटाले की चपेट में आए पीएमसी बैंक से जमाकर्ताओं के पैसे निकालने की प्रक्रिया में देरी से बचने हेतु, ऐसे अनुरोधों को मंजूरी देने का हक बैंक को प्रदान किया गया है। भारत के केंद्रीय बैंक ने यह बयान हाई कोर्ट के उस निर्देश के जवाब में दायर एक हलफनामा में दिया है कि जमाकर्ताओं को आपात स्थिति में 5 लाख रुपए का भुगतान करने के संबंध में पीएमसी बैंक को छूट देने के बदले आरबीआई को इस पर खुद फैसला लेना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ ने बोला था कि चूंकि आरबीआई ने पंजाब तथा महाराष्ट्र सहकारी बैंक पर निकासी प्रतिबंध लगा दिया है, इसलिए केंद्रीय बैंक को मुश्किल परिस्थिति में भुगतान की इजाजत प्रदान करने पर निर्णय लेना चाहिए था। बता दें कि पीएमसी बैंक से जुड़े 4,355 करोड़ रुपये का घोटाला समक्ष आने के पश्चात आरबीआई ने निकासी सीमित करने सहित अनेक प्रतिबंध लगाए हैं।
उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की। याचिका में आरबीआई को यह निर्देश प्रदान करने का अनुरोध किया गया है कि वह पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की शिक्षा, शादियों जैसी दूसरे जरूरतों पर भी विचार करे। अभी सिर्फ गंभीर चिकित्सा स्थिति में इसकी इजाजत है।
यह याचिका मिश्रा के अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर की गई है। मिश्रा की मुख्य जनहित याचिका में कोरोना संक्रमण के दौरान पीएमसी बैंक से निकासी पर प्रतिबंध में ढील प्रदान करने हेतु आरबीआई को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।