लखनऊ।उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में लॉक डाउन समाप्त होने की तिथि 3 मई नजदीक आ गयी है। ऐसे में कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर लिया और कई राज्य असमंजस में हैं। जिसमें यूपी का नाम सबसे ऊपर क्यों बताया जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री योगी पहले ही केंद्र के साथ जाने का फैसला कर चुके है।
उत्तर प्रदेश में तीन मई के बाद कौन से जिले किस जोन में शामिल किए जाएंगे। इसकी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के 19 जिले रेड जोन, 36 जिले ऑरेंज जोन और 20 जिले ग्रीन जोन में रखा गया हैं। केंद्र की ओर से जारी की गई लिस्ट का हर सप्ताह आंकलन किया जाएगा। इससे पहले सीएम योगी ने भी कहा था कि तीन मई के बाद शर्तों के साथ ही ग्रीन और ऑरेेंज जिलों में लोगों को छूट दी जा सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ओर से जारी पत्र के अनुसार अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोरोना वायरस से संक्रमित का नया केस नहीं आने पर जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में कर दिया जाएगा। अभी तक 14 दिन तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था।
जोनवार जिलों की श्रेणी
रेड जोन के जिले : आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद ,फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली हैं।
आरेंज जोन :- गाजियाबाद, हापुड़, बदायूं, बागपत, बस्ती ,शामली, औरैया, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशांबी हैं।
ग्रीन जोन :बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर ,बलिया ,चंदौली ,चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद ,फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, अमेठी हैं।
रेड और आरेंज जोन में अंतर: रेड और आरेंज जोन में अंतर हैं कि रेड जोन में वे इलाके शामिल हैं, जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं। जबकि आरेंज जोन में कोई भी हॉटस्पॉट एरिया नहीं है। रेड जोन को भी दो भागों में बांटा गया है। रेड जोन में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां कोरोना का आउटब्रेक हुआ है। इसके अलावा कुछ रेड जोन वाले जिले में कोरोना के बहुत सारे मरीज सामने आए हैं। वहां कलस्टर बन गए हैं।
रेड जोन वाले इलाके में घर-घर होगा सर्वे: जहां रेड जोन वाले इलाके में घर-घर सर्वे कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है और पूरे इलाके को पूरी तरह सील कर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। लेकिन ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियों पर रोक साथ जरूरी सेवाओं को चालू रखने की इजाजत दी जाती है। ऑरेंज जोन में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार वाले मरीजों पर विशेष ध्यान रखा जाता है और उनका कोरोना टेस्ट किया जाता है।
ग्रीन जोन में भी किया जाएगा कोरोना टेस्ट : रेड और आरेंज जोन के अलावा सरकार ने ग्रीन जोन में भी कोरोना पर नजर रखने का फैसला किया है। ग्रीन जोन वाले इनफ्लुएंजा या सांस से संबंधित बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें कोरोना अस्पताल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को दी गई है।
लॉक डाउन खोलने पर पिछली बैठक में हुई थी खूब मत्था पच्ची
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को निर्देशित कर चुके हैं कि अपने- अपने प्रदेश के हालात पर चर्चा करके आगे की कार्य योजना के बारे में उन्हें अवगत कराया जाए।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ- साथ मंत्रियों के साथ भी लॉकडाउन को लेकर चर्चा कर चुके हैं। इस चर्चा में सरकार के कुछ मंत्री लॉकडाउन खोलने के पक्ष में हैं तो कुछ आगे बढ़ाए जाने के पक्ष में। यूपी में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मंत्रियों में ज्यादातर ने यह बात कही कि लॉकडाउन बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन, एक साथ एक माह या 15 दिन की अवधि बढ़ाने का निर्णय न हो। समय- समय पर हालात की समीक्षा होती रहे और जरूरत के अनुसार एक सप्ताह या जो भी तय हो, उसके आधार पर लॉकडाउन बढ़ाया जाए।
वही स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों ने बैठक में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोले जाने की बात कहीं और सुझाव दिया कि ग्रीन जोन को पहले खोल दिया जाए। इसके बाद फिर जैसे- जैसे ऑरेंज जोन और रेड जोन की स्थिति सुधरती जाए, वहां से लॉकडाउन की पाबंदी हटती जाए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जल्द लॉकडाउन खोलने को लेकर अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना है।