रांची। लगभग 26 घंटे तक चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद आखिरकार झारखंड में नई सरकार को लेकर छाई धुंध छा गई। झारखंड के गवर्नर ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। उन्होंने आज दिन 12 बजे शपथ ली। उन्हें गुरुवार की रात करीब साढ़े पांच बजे निकोलस मनोयन पत्र जारी कर दिया गया। चंपई सोरेन के साथ दो अन्य मंत्री के रूप में कांग्रेस के आलम जागीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण शपथ ग्रहण में मतदान होगा। गवर्नर ने नए मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दस दिन का समय दिया है।
मैथ्यू द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद मैथ्यू सोरेन ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से छोड़ दिया था। इसके तुरंत बाद चंपेई सोरेन ने 43वें बैच के हस्ताक्षर वाला पत्र गवर्नर को नया कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने कहा कि हमें कुल 47 बेंचमार्क का समर्थन हासिल है।
राज्यपाल की ओर से इस फैसले में देरी होने पर गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मुलाकात कर एक बार फिर सरकार का दावा पेश किया गया और आग्रह किया गया कि सीएम पद की शपथ लें। इसके बाद देर रात कैथोलिक की ओर से चैंपई सोरन को बुलाया गया और उनके सीएम के मनोयन पत्र को आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया गया।
चम्पाई सोरेन सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। 68 साल चंपई कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। वह रसेल सोरेन के सबसे विश्वस्त माने जा रहे हैं। चंपई सोरेन झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन के अनन्य सहयोगी रहे हैं। कई स्टूडियो में सीएम रसेल सोरेन को अपने पैर छूते हुए भी देखा गया है। इसी से सटीक अनुमान लगाया जा सकता है कि झामुमो में अद्वितीय संरचना है।
चंपेई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं। चंपेई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए विधानसभा में शोकसभा के लिए विशेष रूप से जीत दर्ज की थी। वो जीत इसलिए बड़ी थी, क्योंकि मैसाचुसेट्स कद्दावर झामुमो कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था। बाद में 1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल हुई। लेकिन साल 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू चुनाव हार गये.
इसके बाद वर्ष 2005 में लगातार कांस्टेंटिनोपल सरायकेला से विधायक रह रहे हैं। 2019 में जेडीयू ने गणेश महली को हराया था। चम्पी सोरेन का जन्म सरायकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन का घर हुआ। इनके तीन मजदूर और एक बहन में हैं ये सबसे बड़ी। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो ये स्नातक पास हैं। शादी मूल मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं।