लखनऊ। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विगत पांच अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से इसमें दान करने की अपील की है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को कहा कि प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमिपूजन पश्चात प्रारम्भ हो गया है।
उन्होंने कहा कि करोड़ों परिवारों ने इस कार्यक्रम को टीवी पर देखा। अनेक राम भक्त अपना आर्थिक योगदान मंदिर निर्माण के लिए करना चाहते हैं। इसलिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सभी श्रीराम भक्तों का आह्वान करता है कि मंदिर निर्माण के लिए यथाशक्ति व यथासंभव दान करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीधे तीर्थ क्षेत्र के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जा सकती है।
बैंक खाता श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
सेविंग एकाउंट-39161495808
करंट एकाउंट-39161498809
आईएफएससी कोड-एसबीआईएन0002510
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अयोध्या (02510) शाखा
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को दिया गया दान आयकर कानून की धारा 80 जी(2)(बी) के अन्तर्गत करमुक्त है।
इस बीच अयोध्या में ट्रस्ट कार्यालय में दानपात्र लगा दिया गया है। रामलला का दर्शन पूजन करने के बाद यहां नित्य रामभक्त आते हैं और मंदिर निर्माण के लिए दानस्वरूप संकल्प अर्पित करते हैं। श्रद्धालुओं को रामलला को भोग लगी मिश्री का प्रसाद दिया जाता है। ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त के मुताबिक इस कार्यालय में रोज रामभक्त आते हैं। मनीआर्डर के अतिरिक्त डाक से चेक लोग भेज रहे हैं। लेकिन, यहां आकर पांच सौ से कम धनराशि दान करने वालों को दान पात्र में राशि डालने को कहा जाता है। दान देने वाले को प्रसाद दिया जाता है। इसके साथ ही डाक से भी प्रसाद भेजा जाता है।
मंदिर निर्माण में अब तकनीकी प्रक्रियाओं का चरण होगा शुरू
इसके साथ राम मंदिर निर्माण की आगे की प्रक्रिया को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की बैठक 20 अगस्त को दिल्ली में होने जा रही है। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र व अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे। इस दौरान नींव की खोदाई करने वाली लार्सन ऐंड टूब्रो के शीर्ष इंजीनियर और एनबीसीसी इंजीनियर भी शामिल होंगे। राम मंदिर की डिजाइन तैयार करने वाले सोमपुरा बंधु को भी बुलाया जाना है।
चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर निर्माण में अब तकनीकी प्रक्रियाओं का चरण शुरू होगा। मिट्टी की जांच रिपोर्ट आने के बाद लार्सन एंड टुब्रो के इंजीनियर नींव तैयार करने का डायग्राम लेकर आ गए हैं। उनसे चर्चा हुई है, एक हजार साल तक मंदिर को आंधी, तूफान से कोई नुकसान न हो ऐसी तकनीक का इस्तेमाल होगा। सारा मंदिर का दारोमदार नींव पर होता है। नींव जमीन के नीचे वैसी ही जाएगी, जैसे नदियों के पुल के खंभे बनते हैं, लेकिन यहां लोहे का प्रयोग नहीं होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण से राममंदिर के साथ 70 एकड़ परिसर को ध्यान में रखकर नक्शे की स्वीकृति लेने की प्रक्रिया चल रही है।