आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस की हुई पराजय पर आश्चर्य जताया। रेड्डी ने कहा कि उन्हें ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने आश्चर्य जताया कि करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाने वाली कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के बावजूद वाईएसआर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। पत्रकारों से बात करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने जनादेश को स्वीकार किया और जनता, खासकर गरीबों के लिए काम करना जारी रखने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि अब भी हमारे साथ 40 प्रतिशत मतदाता हैं। हम हारें हैं, लेकिन फिर वापस आएंगे।
जगन ने यह भी कहा कि वाईएसआर कांग्रेस के लिए विपक्ष में होना कोई नई बात नहीं है।उन्होंने कहा, “इन पांच सालों को छोड़कर, हमने ज्यादातर समय विपक्ष में बिताया है। संघर्ष हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। सार्वजनिक जीवन में रहते हुए हमने कई कठिनाइयों का सामना किया है और अगर इससे भी बड़ी कठिनाइयां आती हैं, तो हम उनका सामना करने के लिए तैयार हैं।”
वाईएसआर कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां बीजेपी, एन. चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण जैसे बड़े लोगों ने गठबंधन बनाया है। उन्होंने नई सरकार को शुभकामनाएं दीं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में टीडीपी-जन सेना-बीजेपी गठबंधन ने अब तक 85 सीटों पर जीत दर्ज की है और 79 सीटों पर आगे चल रहा है। त्रिपक्षीय गठबंधन 25 लोकसभा सीटों में से 21 पर भी आगे चल रहा है।
वाईएसआरसीपी ने केवल तीन विधानसभा सीटें जीती हैं और आठ क्षेत्रों में आगे चल रही है। यह चार लोकसभा क्षेत्रों में भी वह आगे है। 2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 151 विधानसभा और 22 लोकसभा सीटें जीती थीं।
उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने जनता के कल्याण के लिए ऐसे कदम उठाए, जो पहले इसके पहले नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा, “हमने 53 लाख माताओं के लाभ और उनके बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए कदम उठाए, लेकिन हमें नहीं पता कि इन माताओं और बहनों के वोटों का क्या हुआ। हमने 66 लाख बुजुर्गों, शारीरिक रूप से विकलांग और विधवाओं को उनके दरवाजे पर पेंशन मुहैया कराई। लेकिन हमें नहीं पता कि उनके प्रति दिखाए गए स्नेह का क्या हुआ।”
जगन ने दावा किया कि उनकी सरकार ने राज्य के 54 लाख किसानों की भलाई के लिए कार्य किया। इसके बावजूद हमें पराजय का सामना करना पड़ा, यह हमारे लिए आश्चर्य की बात है।