नई दिल्ली। असम में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। जनता से लोकलुभावने वादें भी किए जा रहे हैं और साथ ही आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हावी है। जानकारों के मुताबिक असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच मुकाबला है। इसलिए भाजपा के निशाने पर कांग्रेस है।
इसी कड़ी में भाजपा नेता हेमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस पार्टी और एआईयूडीएफ गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह गठबंधन कांग्रेस पार्टी को 50 साल पीछे लेकर चली जाएगी।
इसके साथ ही भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि जब आपके पास राहुल गांधी हैं ही तो फिर मौलाना बदरुद्दीन अजमल की क्या जरूरत है?
हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि 80 के दशक में असम में कांग्रेस पार्टी ने अपने को मजबूत बनाया। हितेश्वर सैकिया और फिर तरुण गोगोई जैसे नेताओं ने अपनी मेहनत से राज्य में कांग्रेस को स्थापित किया, लेकिन अब मौलाना बदरुद्दीन अजमल से गठबंधन कर इसे कमजोर किया जा रहा है।
भाजपा नेता ने सवाल किया कि जब आपके पास गारंटी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं तो फिर आपको अजमल की क्या जरूरत है?
मालूम हो कि 2016 के असम विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में हेमंत बिस्व सरमा का अहम योगदान था। चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
जानकारों के मुताबिक हेमंत के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को लगभग 25 सीटों का फायदा हुआ था।
मालूम हो भाजपा की ओर से कांग्रेस द्वारा ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ किए गए गठबंधन को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं। भाजपा एआईयूडीएफ के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल को असम का दुश्मन बता रही है।
कुछ दिनों पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी अजमल के साथ मिलकर सिर्फ सत्ता में आना चाहती है। उन्होंने कहा था कि तरुण गोगोई जब 15 साल मुख्यमंत्री रहे थे तो उन्होंने कभी भी एआईयूडीएफ से समझौता नहीं किया था।
असम में 126 सदस्यों वाले विधानसभा में भाजपा के पास अभी 86 सीट है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के साथ गठबंधन किया है।