लखनऊ। 2022 में 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी जातीय समीकरण के मिथक टूट गए और जीत-हार के समीकरण बदल गए। माना जा रहा था कि इस बार चुनाव जातीय समीकरणों के आधार पर होंगे, लेकिन भाजपा को योगी के नाम पर ब्राह्मण और जाट बाहुल्य सीटों पर जीत मिली। इतना ही नहीं, यादव और मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी भाजपा ने सेंध लगाई है।
आइए जानते हैं, किस तरह से इस चुनाव में टॉप 5 जातियों की भागीदारी रही…
डिप्टी CM दिनेश शर्मा।
सबसे पहले टॉप 10 ब्राह्मण बाहुल्य सीटों की बात
- UP में ब्राह्मण वोट बैंक लगभग 14% के आसपास है। सूबे की 115 सीटों पर ब्राह्मण मतदाता ही जीत-हार तय करते हैं। इस वोट बैंक को लेकर विपक्षी दलों से लेकर सत्तापक्ष में काफी खींचतान मची हुई थी।
- 2017 में योगी सरकार आने के बाद से ही CM योगी आदित्यनाथ पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगने लगा था। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद विपक्ष ने CM योगी पर ब्राह्मण विरोधी होने का ठप्पा भी लगा दिया था।
- यही नहीं पार्टी के कुछ ब्राह्मण विधायकों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल तक किया। चुनाव से पहले विपक्ष ने इसी ब्राह्मण वोट बैंक को लुभाने के लिए तमाम वादे किए, लेकिन 10 ब्राह्मण बाहुल्य विधानसभा सीटों का नतीजा बता रहा है कि ब्राह्मण योगी सरकार से नाराज नहीं था।
सीट | ब्राह्मण आबादी (लगभग में) | पार्टी | नतीजे |
साहिबाबाद | 1.59 लाख | बीजेपी | जीत |
लखनऊ कैंट | 1.50 लाख | बीजेपी | जीत |
कल्याणपुर | 1.22 लाख | बीजेपी | जीत |
सहजनवां | 1.20 लाख | बीजेपी | जीत |
कटरा बाजार | 1.10 लाख | बीजेपी | जीत |
सरोजिनी नगर | 1.10 लाख | बीजेपी | जीत |
चिल्लूपार | 1.05 लाख | बीजेपी | जीत |
हंडिया | 1 लाख | सपा | जीत |
तरबगंज | 95 हजार | बीजेपी | जीत |
मेहनोन | 90 हजार | बीजेपी | जीत |
CM योगी आदित्यनाथ।
अब बात करते हैं, टॉप 10 ठाकुर बाहुल्य सीटों की…
- योगी के CM बनते ही उन पर ठाकुर नेताओं और अफसरों को शह देने का आरोप लगा। यही नहीं, जब UP में माफियाओं को खत्म करने के लिए बुलडोजर और ताबड़तोड़ एनकाउंटर हो रहे थे तब ठाकुर माफियाओं को बचाने का भी उन पर आरोप लगा। जिलों में और थानों में ठाकुर अफसरों की पोस्टिंग के भी आरोप लगे।
- दरअसल, ठाकुर वर्ग ओपिनियन मेकर माने जाते हैं। यही वजह है कि कोई भी उन्हें नजरंदाज नहीं कर सकता है। 2022 चुनावों में स्थिति उलट थी। लगभग सभी विपक्षी दलों ने ठाकुर नेताओं को बहुत कम संख्या में टिकट दिए। जिसका नतीजा यह रहा कि 2022 चुनाव में ठाकुर बाहुल्य टॉप टेन सीट पर भाजपा ने ही विजय पताका फहराई। UP में लगभग 6 से 7 प्रतिशत ठाकुर वोट बैंक है।
सीट | ठाकुर आबादी (लगभग में) | पार्टी | नतीजे |
एत्मादपुर | 1.20 लाख | बीजेपी | जीत |
खुर्जा | 1.10 लाख | बीजेपी | जीत |
बाह | 1.5 लाख | बीजेपी | जीत |
खैरागढ़ | 95 हजार | बीजेपी | जीत |
सिकंदरा राऊ | 90 हजार | बीजेपी | जीत |
बरौली | 90 हजार | बीजेपी | जीत |
गोवर्धन | 80 हजार | बीजेपी | जीत |
बैरिया | 80 हजार | सपा | जीत |
छर्रा | 80 हजार | बीजेपी | जीत |
कालपी | 80 हजार | सपा | जीत |
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
अब बात टॉप 10 यादव बाहुल्य सीटों की…
- UP में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली यादव जाति OBC कैटेगरी में 20% की हिस्सेदारी रखती है। इस वोट बैंक पर मुलायम परिवार का प्रभाव माना जाता है। टॉप टेन यादव बाहुल्य सीटों के नतीजों को देखे तो वहां 8 सीटों पर सपा ने झंडा फहराया है। यह सभी जिले लगभग इटावा और उसके आसपास की ही हैं।
सीट | यादव आबादी (लगभग में) | पार्टी | नतीजे |
गुन्नौर | 1.80 लाख | सपा | जीत |
जसवंत नगर | 1.40 लाख | सपा | जीत |
जसराना | 1.30 लाख | सपा | जीत |
करहल | 1.25 लाख | सपा | जीत |
सिरसागंज | 1.20 लाख | सपा | जीत |
प्रतापपुर | 1 लाख | सपा | जीत |
मल्हनी | 90 हजार | सपा | जीत |
छिबरामऊ | 90 हजार | बीजेपी | जीत |
बख्शी का तालाब | 90 हजार | बीजेपी | जीत |
कायमगंज | 75 हजार | अपना दल (एस) | जीत |
अब बात टॉप 10 जाट बाहुल्य सीटों की…
- UP में 6 से 7 प्रतिशत जाट वोट बैंक है। जबकि पश्चिमी यूपी में इनकी तादाद 17% के आसपास है। UP की 120 विधानसभा सीटों पर इनका असर माना जाता है। किसान आंदोलन के बाद जिस तरह से पश्चिमी UP के जाट बाहुल्य इलाकों के किसान एकजुट हुए थे। उससे माना जा रहा था कि इस वोट बैंक से भाजपा को बड़ा झटका देगा।
- बहरहाल, मुजफ्फरनगर दंगों के बाद पश्चिमी UP में जो जातीय समीकरण टूटे थे। वह विपक्ष के लाख प्रयासों के बाद भी जुड़ नहीं सके। टॉप जाट बाहुल्य सीटों के नतीजे बता रहे हैं कि भाजपा से जाट वोटर नाराज नहीं था।
सीट | जाट आबादी (लगभग में) | पार्टी | नतीजे |
फतेहपुर सीकरी | 1.10 लाख | बीजेपी | जीत |
खैर | 1.8 लाख | बीजेपी | जीत |
मथुरा | 1.1 लाख | बीजेपी | जीत |
छाता | 1 लाख | बीजेपी | जीत |
मांट | 1 लाख | बीजेपी | जीत |
बलदेव | 97 हजार | बीजेपी | जीत |
इगलास | 92 हजार | बीजेपी | जीत |
सादाबाद | 90 हजार | रालोद | जीत |
बड़ौत | 80 हजार | बीजेपी | जीत |
बुढ़ाना | 75 हजार | रालोद | जीत |
अब बात टॉप 10 मुस्लिम बाहुल्य सीटों की…
- UP में 20% आबादी मुस्लिमों की है। इस वर्ग में भाजपा सरकार को लेकर काफी नाराजगी रही है। CAA और NRC को लेकर हुए दंगों में UP के 20 से ज्यादा मुस्लिम युवकों की जान चली गई थी। कई दिनों तक दिल्ली से लेकर UP के कई शहरों में आंदोलन चला था। इसका असर भी चुनावी नतीजों में दिख रहा है। मुस्लिम बाहुल्य दस सीटों पर सपा का ही परचम लहरा रहा है।
सीट | मुस्लिम आबादी (लगभग में) | पार्टी | नतीजे |
संभल | 2.5 लाख | सपा | जीत |
कुंदरकी | 2.20 लाख | सपा | जीत |
मुरादाबाद देहात | 2.5 लाख | सपा | जीत |
मुरादाबाद शहर | 2 लाख | सपा | जीत |
स्वार | 1.82 लाख | सपा | जीत |
मटेरा | 1.80 लाख | सपा | जीत |
अमरोहा | 1.78 लाख | सपा | जीत |
धौलाना | 1.75 लाख | बीजेपी | जीत |
चमरौआ | 1.70 लाख | सपा | जीत |
सहारनपुर नगर | 1.68 लाख | बीजेपी | जीत |