जानें बीजेपी का प्लान ‘C’ नीतीश-तेजस्वी के खिलाफ रचा ये खेल

नई दिल्ली। बिहार में बड़ा सियासी भूचाल लाने वाले नीतीश कुमार 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं।  मंगलवार को बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टूट गया। नीतीश कुमार, बीजेपी से अलग हो गए हैं। अब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में हैं।  क्या चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस एक बार फिर साथ हो सकते हैं? दरअसल चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए के साथ है।

जबकि चिराग पासवान 2020 के बिहार चुनाव के वक्त एनडीए से अलग हो गए थे। माना जा रहा है कि नीतीश-तेजस्वी के खिलाफ बीजेपी का प्लान ‘C’ यानी चिराग को एक्टिव कर सकती है। बिहार में चिराग और पशुपति पारस के बीच सुलह करा के ‘खेल’ सकती है।

बीजेपी का प्लान ‘C’

बता दे कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश के चलते चिराग पासवान एनडीए से अलग हुए थे। इसके बाद चिराग पासवान को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था। चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई। चिराग, पार्टी में हुई टूट के लिए नीतीश कुमार को कई बार जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।

माना जाता है कि नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की लोजपा की टूट में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। अब जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए हैं तो बिहार में चिराग पासवान के लिए राजनीतिक रूप से फिर से खड़े होने के लिए बीजेपी का साथ मिल सकता है।

एलजेपी के पास भी 5-6 फीसदी का वोट बैंक

बीजेपी के पास अपना वोट बैंक है। लेकिन बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी से मुकाबला के लिए बीजेपी, जमुई सांसद को अपने पाले में कर सकती है क्योंकि अब नीतीश कुमार एनडीए में नहीं है। पहले चिराग को लेकर बीजेपी थोड़ा दूरी बनाकर रखती थी क्योंकि बीजेपी, चिराग की वजह से नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती थी।

चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं। ऐसे में चिराग पासवान को बीजेपी अपने पाले में करके केंद्र में मंत्री पद दे सकती है। ताकि बिहार में चिराग पासवान, नीतीश कुमार के खिलाफ अपने वोट बैंक को एकजुट करने में जुट जाएं। एलजेपी के पास भी 5-6 फीसदी का वोट बैंक हैं।

बता दे कि नीतीश कुमार 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। खबरें आई थीं कि राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव राज्य के उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि, कैबिनेट विस्तार को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस बार कांग्रेस को बड़ी जगह मिली सकती है।

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