विज्ञान ने पशुओं की क्लोनिंग को तो संभव बना दिया पर इंसान का क्लोन कब तैयार होगा, यह कोई नहीं जानता। हालांकि टोक्यो के एक स्टार्टअप ने इंसान का डिजिटल क्लोन बनाने में सफलता हासिल कर ली है।
यह हूबहू कंपनी के मालिक की तरह दिखता है, उनकी तरह बात करता है। व्यक्ति के व्यवहार और पसंद में बदलाव के हिसाब से अपडेट भी होता है। यह इनोवेशन जापानी कंपनी ऑल्ट इंक ने किया है। कंपनी के CEO कजुताका योनेकुरा ऐसी दुनिया का सपना देखते हैं, जहां सबका डिजिटल ‘क्लोन’ हो।
योनेकुरा का दावा है कि यह क्लोन हमारे रोज के कामों की जिम्मेदारी उठा सकता है। जैसे जूम मीटिंग अटेंड करना। कम्प्यूटर स्क्रीन पर योनेकुरा ने कृत्रिम आवाज वाला अपना क्लोन दिखाया।
यह टेक्नोलॉजी एआई से ज्यादा व्यक्तिगत है
योनेकुरा ने कहा- यह आपको उन सभी नियमित कामों से मुक्त कर देता है जो आपको कल, परसों और उसके अगले दिन करने चाहिए। 46 साल के योनेकुरा कहते हैं- यह टेक्नोलॉजी सिरी, चैटजीपीटी या गूगल एआई से ज्यादा व्यक्तिगत है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपका है, उस टेक कंपनी का नहीं जिसने इसे बनाया है। आपकी प्राइवेसी को किसी तरह का जोखिम नहीं होगा।
उन्होंने कहा- ऑल्ट के बनाए क्लोन की लागत करीब 1.16 करोड़ रुपए आई है। इसलिए बड़े पैमाने पर इसे तैयार करने में अभी समय लगेगा। जिस व्यक्ति का डिजिटल क्लोन बनाना है, उसके बारे में जानकारी सोशल मीडिया साइट और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिकॉर्ड से हटाकर सॉफ्टवेयर में स्टोर की जाती है।
डिजिटल क्लोन टेक्नोलॉजी दुनिया में अलग जगह बनाएगी
योनेकुरा ने कहा- साउथ कैलिफोर्निया और टोक्यो यूनिवर्सिटी के सहयोग के अलावा ऑल्ट को करीब 330 करोड़ रुपए घरेलू निवेश भी मिला है। जापानी बैंकों के वेंचर कैपिटल फंड से भी इसे मदद मिली है। टेक एक्सपर्ट यू तमुरा कहते हैं- जापानी एनिमेशन की तरह ही डिजिटल क्लोन टेक्नोलॉजी भी दुनिया में अलग जगह बनाएगी।
आपके मूल्यों और लक्ष्यों को समाहित किए डिजिटल क्लोन बदलाव के शक्तिशाली एजेंट बन सकते हैं। व्यक्तिगत मान्यताओं व सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करके क्लोन करुणा, सहानुभूति के प्रतीक के रूप में दूसरों के जीवन को छूने के साथ वैश्विक स्तर पर सकारात्मक बदलाव को प्रेरित कर सकते हैं।
इस टेक्नोलॉजी की मदद से लोग रचनात्मक होने पर फोकस कर सकेंगे
योनेकुरा कहते हैं- डिजिटल क्लोन इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह ओरिजिनल व्यक्ति के ज्यादा से ज्यादा काम संभाल सके। वह मीटिंग ले सके, हायरिंग करनी है तो उम्मीदवारों का शुरुआती इंटरव्यू ले सकें।
अगर क्लोन डॉक्टर का है तो वह मरीजों की शुरुआती स्क्रीनिंग करने में समर्थ होगा। इससे मूल लोगों का कीमती समय ज्यादा रचनात्मक कामों में इस्तेमाल हो सकेगा। एक्सपर्ट कहते हैं डिजिटल क्लोन ऐसे समाज को साकार सकता है, जहां लोग रचनात्मक होने पर फोकस कर सकेंगे व थकाऊ बातचीत पर उनका समय कम बर्बाद होगा।