लखनऊ। उत्तरप्रदेश में चुनाव से कोरोना आखिरकार हार गया है। 23 जनवरी को जब इलेक्शन कमीशन रिव्यू करेगा, तब तक कोरोना का माहौल ऐसा हो जाएगा कि यहां रैलियों और रोड शो को अनुमति मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। आश्चर्यजनक तो ये है कि यूपी के जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहां नए मरीजों से डेढ़ गुना ज्यादा मरीज ठीक होने लगे हैं। नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जैसे कोरोना के एपिसेंटर जिलों में रिकवरी रेट बढ़कर 150 फीसदी तक पहुंच गया है। यानी अब इन जिलों में कोरोना खत्म हो रहा है।
पूरे यूपी में 5 दिनों के भीतर प्रदेश में रिकवरी रेट 5 फीसदी से बढ़कर 79 फीसदी तक जा पहुंचा है। यही कारण है कि ओमिक्रॉन की पीक के दौरान कई लाख एक्टिव केस होने के दावे भी वास्तविकता से दूर नजर आ रहे है।
उधर, IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का दावा है कि 19 जनवरी को यूपी में कोराना पीक पर होगा। 26 जनवरी से यहां कोरोना के रोजाना केस में कमी होनी शुरू हो जाएगी।
चुनावी जिलों में गायब हो रहा है कोरोना
जिले | नए केस | ठीक हुए मरीज | रिकवरी फीसदी |
नोएडा | 2154 | 2527 | 117.48%, |
गाजियाबाद | 1281 | 2020 | 157.68% |
मेरठ | 968 | 1404 | 145% |
धीरे-धीरे पूरे प्रदेश से खत्म हो जाएगा कोरोना
यूपी में कोरोना की रिकवरी दूसरे जिलों में भी बढ़ रही है। जैसे जैसे इन जिलों मेें चुनाव की तारीखें आएंगी यहां भी कोरोना का रिकवरी रेट बढ़ता जाएगा और चुनाव से पहले कोरोना खत्म हो जाएगा।
लखनऊ में सीएमओ समेत 66 मेडिकल स्टॉफ हुए संक्रमित
सोमवार को प्रदेश भर में सबसे ज्यादा मरीज लखनऊ में सामने आएं। यहां पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.मनोज अग्रवाल समेत उनके कार्यालय के 2 अन्य सीनियर अफसर भी कोरोना की चपेट में आ गया। इसके अलावा 66 डॉक्टर व कर्मचारियों पर भी वायरस ने अटैक किया है।
सर्दी-जुकाम, गले में खराश व बुखार होने पर लोगों में जांच कराई। 377 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं, ऑपरेशन से पहले 76 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 9 गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कमांड हॉस्पिटल में 26 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वही 1013 लोग कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में पॉजिटिव आए हैं।
जबकि विदेश या फिर दूसरे राज्यों की यात्रा कर लौटें 202 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमण के लिहाजा से संवेदनशील अलीगंज, चिनहट, आलमबाग, कैसरबाग, इंदिरानगर जैसे इलाकों में वायरस काबू में नहीं आ रहा है।