जिला पंचायत चुनाव: उन्नाव में जीते चाहे जो अध्यक्ष भाजपा का ही होगा, जानिए कैसे

उन्नाव। सपा प्रत्याशी मालती रावत के पीछे हटने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष की लड़ाई भाजपा नेताओं के बीच सिमटकर रह गई है। अरुण सिंह और शकुन सिंह के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है। खासबात तो यह है कि जीते चाहे जो वह भाजपा का होगा। सपा प्रत्याशी के पीछे हटने के बाद संगठन भी शांत होकर सिर्फ मौके की नजाकत को भांप रहा है।

भाजपा ने सबसे पहले अरुण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था। सोशल मीडिया पर पीड़िता का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष ने अरुण सिंह का टिकट बदलकर शकुन सिंह के नाम की घोषणा कर दी। अरुण सिंह ने इसका विरोध जताया तो संगठन ने मामले में कुछ कहने से मना कर दिया। टिकट को होल्ड कर दिया गया।

हालांकि संगठन की ओर से यह नहीं जारी किया गया कि अधिकृत प्रत्याशी कौन है। शकुन सिंह के नाम को वापस नहीं लिया गया और ना ही इसकी कोई आधिकारिक सूचना दी गई। नामांकन वापसी के दिन अरुण सिंह ने सदर विधायक पंकज गुप्ता के साथ मिलकर सपा प्रत्याशी मालती रावत को अपने खेमे में कर लिया और लखनऊ भाजपा प्रदेश कार्यालय लेकर पहुंच गए।

शकुन सिंह ने पर्चा वापस नहीं लिया और रणनीति धरी की धरी रह गई। अरुण सिंह और शकुन सिंह दोनों सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थन से प्रत्याशी होने का दावा किया। संगठन के लोग इसपर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर रहे हैं। उधर, सपा की ओर से अपने ही प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई के बाद मालती रावत ने मैदान छोड़ने का ऐलान कर दिया। अब मामला सीधा हो गया है कि लड़ाई अरुण सिंह और शकुन सिंह के बीच होगी।

यह भी साफ है कि मालती रावत अरुण सिंह के साथ रह सकती हैं। ऐसे में टक्कर सीधी मानी जा रही है। दोनों पक्षों के बीच शह मात का खेल चल रहा है। देखना है कि चुनाव मैदान में कौन जीतता है। जो भी हो जो जीतेगा वही भाजपा का सिकंदर बनकर उभरेगा।

विधायक ने बेटे को घेरने का लगाया आरोप
सदर विधायक पंकज गुप्ता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को करीब दो दर्जन वाहन सवार लोगों ने पूरन नगर में बेटे को घेर लिया। विधायक ने आरोप लगाया कि सैकड़ों वाहनों में सवार लोग शहर में घुमकर खुलेआम गुंडई कर रहे हैं। विधायक ने यह भी कहा कि तमाम लोग उनके घर का भी चक्कर काट रहे हैं।

उन्होंने इस बात का खंडन किया कि प्रशासन के लोगों ने उनके फैंटेसी मोटल पर छापेमारी की। विधायक ने बताया कि प्रशासन के लोग दूसरी जगह भूमि का नाम करने गए थे। सोशल मीडिया पर विरोधी गलत अफवाह उड़ा रहे हैं। उनके यहां किसी भी प्रकार का कोई छापेमारी नहीं हुई है।

सोशल मीडिया पर छापेमारी की खबर वायरल 
सोशल मीडिया पर गुरुवार की दोपहर से एक खबर वायरल हो रही है कि प्रशासन की टीम ने विधायक के घर और फार्म हाउस पर छापेमारी की। एसडीएम सदर की ओर से छापेमारी दिखाई जा रही है। इसपर एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह ने कहा कि ग्राम सभा की भूमि का 2003 से केस चल रहा है। इसकी नाप करने के लिए गए थे। भूमि की नाम की और वापस आ गया। किसी भी तरह की छापेमारी और कार्रवाई करने के लिए नहीं गए थे। सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है पता नहीं।

कहीं कोई नहीं हुई छापेमारी : डीएम
डीएम रवींद्र कुमार ने कहा कि कहीं कोई छापेमारी नहीं की जा रही है। चुनाव में ऐसी अफवाहें उड़ती रहती हैं। चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ कराया जाएगा। किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। कानून हाथ पर लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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