राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने सपा के खिलाफ खोला मोर्चा
सपा के मुस्लिम नेता व कार्यकर्ताओं से मिलने जेल में क्यों नहीं जाते अखिलेश
प्रदेश का मुसलमान इसे देख रहा है और याद भी रखेगा
आजमगढ। समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आजमगढ़ दौरे व जेल में बंद पार्टी के विधायक रमाकांत यादव की मुलाकात पर राजनीति भी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल अखिलेश यादव के रमाकांत यादव से मिलने पर जहां ऐतराज जताया है वहीं कहा कि जेल में हत्या के प्रयास, शराब माफियाओं से तो मिलने के लिए अखिलेश यादव पहुंच जाते है लेकिन सपा के किसी मुस्लिम नेता व कार्यकर्ता से मिलने के लिए जेल आखिर अखिलेश यादव क्यों नहीं जाते।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को करीब दो बजे जिला कारागार में बंद फूलपुर पवई से बाहुबली विधायक से जेल में मिले तो राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल की त्यौरियां चढ़ गई। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट तलहा रशादी ने अखिलेश यादव व विधायक रमाकांत यादव की मुलाकात पर सवाल किया कि, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व आज़मगढ़ के पूर्व सांसद अखिलेश यादव जेल में बंद हत्या के आरोपी व कथित शराब माफियाओं के संरक्षक विधायक से मिलने तो पहुंच जाते हैं पर किसी मुस्लिम विधायक, सपा के मुस्लिम कार्यकर्ताओं से मिलने जेल नही पहुंच पाते हैं।
उन्होंने पूछा कि अखिलेश यादव ढाई साल तक जेल में बंद प्रदेश के बड़े नेता आज़म खान से नही मिल पाते, न ही बरेली के अपने मुस्लिम विधायक शहजिल इस्लाम से मिलने नहीं जाते जिनकी संपत्ति पर भाजपा सरकार ने बुलडोजर चला दिया। वही बिलरियागंज में सीएए आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज में घायल मुस्लिम महिलाओं, जेल में बंद मुस्लिम नौजवानों/बुजुर्गों से मिलने भी वे नहीं पहुंच पाये।
उलेमा कौंसिल के राष्टीय प्रवक्ता ने कहा कि आखिर अखिलेश को मुसलमानों से इतना परहेज़ क्यों है? उत्तरप्रदेश की अवाम और खास तौर से यूपी का मुसलमान ये देख रहा है और इसे याद रखेगा। आज़मगढ़ के बाई इलेक्शन में उसने अपनी नाराजगी का एहसास भर कराया है और अगर सपा मुसलमानों से ऐसे ही परहेज़ करेगी तो याद रहे कि आने वाले 2024 के इलेक्शन में यूपी का मुसलमान भी समाजवादी पार्टी से परहेज़ करने लगेगा।