झांसी अग्निकांड: लापरवाही से नवजातों की मौत पर एनएचआरसी सख्त

लखनऊ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झांसी के सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 नवजातों की मौत की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एस सप्ताह में घटना की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

आयोग ने पाया है कि यह घटना लापरवाही की वजह से हुई, जो कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। आयोग ने मामले में एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, घायलों को प्रदान की जा रही चिकित्सा और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे की जानकारी देने को कहा है। साथ ही, यह भी पूछा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।]

झांसी की घटना पर विपक्ष ने उठाए सवाल

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में 10 बच्चों की मौत पर विपक्ष में सवाल उठाया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग और कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मांग की कि प्रधानाचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि दूसरे कॉलेजों में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि संवेदनात्मक श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकित्सीय प्रबंधन, सरकार की लापरवाही और खराब क्वॉलिटी के ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर का मामला है। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।

सरकारी अस्पताल बदहाल, भ्रष्टाचार, लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। भाजपा सरकार में ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें मांओं ने अपने बच्चों को खोया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चुनावी प्रचार और ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य, चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है। उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि दें। गोरखपुर न दोहराया जाए।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने 10 बच्चों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार की लापरवाही का परिणाम है, जो सरकार की अक्षमता की ओर इशारा करती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. नरेन्द्र सिंह सेंगर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा के अर्प्याप्त उपाय और वहां व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

झांसी मेडिकल कॉलेज में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके थे और अर्प्याप्त भी थे। यही नहीं फायर अलार्म काम नहीं कर रहा था और न ही कोई अस्पताल कर्मी इस तरह के हादसों से निपटने के लिए प्रशिक्षित था। उन्होंने कहा कि घटना के चार घंटे बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्वागत के लिए चूने का छिड़काव किया जा रहा था। इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती है।

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