मुंबई। टाटा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) के हॉल में रखा जाएगा,
जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उद्योग जगत के महानायक रतन टाटा का गत रात 11 बजे मुंबई के कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था।
देश के लाखों लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रतन टाटा के निधन पर दुख जताया है। बड़े उद्योगपतियों, राजनेताओं व हस्तियों का टाटा निवास पर पहुंचना शुरू हो गया है।देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति के रूप में टाटा ने अपने जीवन में जो योगदान दिया, उसे सम्मानित करते हुए, राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा संपन्न होगी।
बड़ी संख्या में लोग, समाज के विभिन्न क्षेत्रों से, इस अवसर पर उपस्थित रहकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।रतन टाटा ने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनकी सरलता, विनम्रता और समाज सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के दिलों में विशेष स्थान दिलाया। चाहे टाटा नैनो हो या जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण, हर पहल ने उनकी दृष्टि और नेतृत्व कौशल को साबित किया। रतन टाटा न केवल एक सफल उद्योगपति थे, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी थे, जिन्होंने समाज सेवा को उद्योग से जोड़ा।
उनकी मृत्यु पर पूरे देश में शोक है, लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत हमें यह याद दिलाती रहेगी कि व्यापार केवल लाभ का साधन नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए एक जिम्मेदारी है।
मोदी-राहुल और सुंदर पिचाई समेत बिजनेस घरानों ने शोक जताया
टाटा चेयरमैन एन चंद्रशेखरन: हम अत्यंत दुख के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं ज्यादा थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे।
राष्ट्रपति मुर्मू: भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।
PM नरेंद्र मोदी: टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक टाटा ग्रुप को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया।
राहुल गांधी: रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
मुकेश अंबानी: ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया है।
गौतम अडाणी: भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रीडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया।
आनंद महिंद्रा: मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। रतन टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते।
सुंदर पिचाई: रतन टाटा से पिछली मुलाकात के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्राऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।