नई दिल्ली। भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 10 लाख को पार कर गई है। बीते कुछ दिनों से लगातार 30 हजार से अधिक मरीज सामने आए हैं। हालांकि भारत का रिकवरी रेट भी पहले से बढ़ा है। रॉयटर्स के मुताबिक पूरी दुनिया में कोरोना के इस वक्त 13,886,134 मरीज हैं और भारत में इनकी संख्या 1,003,832 हो चुकी है। वहीं यदि इससे होने वाली मौतों की बात करें तो भारत में इनकी संख्या 25602 है। भारत में 3 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या के आधार पर भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है।
ऐसे बढ़ते गए मरीज
भारत में जानलेवा कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में तब सामने आया था जब एक छात्र चीन में इस वायरस का केंद्र बने वुहान से स्वदेश लौटा था। इसके एक माह बाद तक भी भारत में इससे संक्रमित केवल तीन ही मरीज सामने आए थे। लेकिन मार्च के अंत तक ये संख्या 1 हजार को भी पार कर गई थी। हालांकि मार्च के तीसरे सप्ताह में ही देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था।
30 अप्रैल को देश मे कोरोना संक्रमितों की संख्या 35 हजार हो चुकी थी। 6 मई को देश में 50 हजार और 18 मई को देश में एक लाख और इसके कुछ दिन बाद 26 मई को डेढ़ लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज थे। 2 जून को देश में कोरोना संक्रमितों के मरीजों की संख्या 2 दो लाख, 12 जून को 3 लाख, 20 जून को 4 लाख, 26 जून को 5 लाख, 1 जुलाई को 6 लाख, 6 जुलाई को 7 लाख, 10 जुलाई को 8 लाख और 13 जुलाई को 9 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी थी।
इन आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो देश में कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद इसके मरीजों की संख्या एक लाख पहुंचने में 119 दिन लगे थे। वहीं अगले 15 दिनों में अगले एक लाख मरीज (कुल 2 लाख) सामने आए। इसके अगले 12 दिनों में फिर एक लाख मरीज (कुल 3 लाख) बढ़ गए। इसके अगले 8 दिनों में एक लाख मरीज (कुल 4 लाख) और सामने आए। अगले 6 दिनों में फिर 1 लाख मरीज (कुल 5 लाख) सामने आए।
इसके 5 दिन बाद में देश में फिर एक लाख मरीज (कुल 6 लाख) बढ़ गए। अगले 6 दिनों में फिर 1 लाख मरीज (कुल 7 लाख) सामने आए। इसके बाद महज 4 दिनों में फिर 1 लाख मरीज (कुल 8 लाख) बढ़े। इसके बाद तीन दिनों में देश में फिर एक लाख मरीज (कुल 9 लाख) सामने आए और अगले तीन दिनों में फिर एक लाख मरीज (कुल 10 लाख) देश में सामने आए। आंकड़े बताते हैं कि किस तेजी के साथ देश में इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। लॉकडाउन 4 के बाद इसके मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है।
इसकी वजह कहीं न कहीं लोगों का इसके प्रति लापरवाह हो जाना भी रहा है। बीते दिनों पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भी इसका जिक्र किया था और लोगों से अपील की थी कि वे इस मुश्किल घड़ी में संयंम न खोएं और न ही लापरवाह बनें। उन्होंने अपील की थी कि सभी को पूरी एहतियात बरतते हुए देश को दोबारा आर्थिक विकास के पथ पर आगे लेकर जाना है। इसमें सभी की बड़ी भूमिका है। आपको बता दें कि भारत में मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही है लेकिन उसी तेजी से रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार के अनुसार देश में सक्रिय मामले कुल संख्या के मात्र एक तिहाई हैं। यह लगातार पांचवा दिन है जब 28 हजार से अधिक मामले सामने आए। हालांकि केंद्र सरकार के अनुसार देश में सक्रिय मामले कुल संख्या के मात्र एक तिहाई हैं। यह लगातार पांचवा दिन है जब 28 हजार से अधिक मामले सामने आए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मध्य जून में इस रोग से ठीक होने की दर बढ़ कर 50 प्रतिशत हो गई थी, इसके बाद इसमें क्रमिक रूप से वृद्धि हुई और सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आती गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काम हो रहा है। मध्य जून में सक्रिय मामलों का आंकड़ा करीब 45 फीसद था, जो घट कर अब करीब 34.18 रह गया है।