नई दिल्ली। भारत में फरवरी से लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बाद से ही कोरोना की दूसरी लहर का डर सभी को सताने लगा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च टीम की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि कोरोना की दूसरी लहर लगभग 100 दिनों तक रहेगी। अगर 15 फरवरी से इसकी शुरुआत मानें, तो मई तक इसका असर रहेगा। 23 मार्च के ट्रेंड को आधार मानें, तो देश में दूसरी लहर से 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं।
SBI की 28 पेज की रिपोर्ट में बताया गया कि लोकल स्तर पर लॉकडाउन का कोई असर नहीं होने वाला है। इसलिए बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन ही कोरोना के खिलाफ जंग जीतने का एकमात्र उपाय है। अगर अभी से इसकी गणना करें, तो अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से लेकर मई के मध्य तक इसका पीक हो सकता है। इससे पहले पिछले साल सितंबर के दूसरे हफ्ते में देश में कोरोना पीक पर था। उस वक्त रोजाना 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे।
अगले महीने से दिखने लगेगा लॉकडाउन का असर
आर्थिक संकेतकों पर फोकस करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले हफ्ते से ही सूचकांकों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आंशिक तौर पर या पूरी तरह से कुछ राज्यों में एहतियातन लॉकडाउन जैसे कदम उठाने का असर अगले महीने से दिखाई देने लगेगा।
वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने की जरूरत
रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राज्यों में वैक्सीनेशन प्रोसेस में तेजी लाने की जरूरत है। अगर मौजूदा हालात में रोजाना टीकाकरण की स्पीड को 34 लाख से बढ़ाकर 40-45 लाख रोजाना किया जाए, तो 3 से 4 महीने में 45 साल और इससे ऊपर के लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट किया जा सकता है।
मास्क और वैक्सीनेशन बहुत जरूरी : ICMR
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, देश में बुधवार को पिछले 5 महीने में सबसे ज्यादा 53476 नए मामले सामने आए। मिनिस्ट्री के मुताबिक, देश के 18 राज्यों में कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट पाया गया है। ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर समय से पहले आ गई है। इसलिए हम सबको सचेत रहने की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराए जाएं, मास्क लगाना आवश्यक है। साथ ही टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
अब तक 1.17 करोड़ संक्रमित
देश में अब तक 1 करोड़ 17 लाख 87 हजार 13 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 1 करोड़ 12 लाख 29 हजार 591 ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.60 लाख मरीजों ने जान गंवाई है। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं।