नई दिल्ली। तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस की वजह से देश में तीसरा लॉकडाउन जारी हो गया है जो कि 17 मई तक चलेगा। लॉकडाउन के इस तीसरे फेज की अच्छी बात यह कि सरकार ने पहले के दो लॉकडाउन की अपेक्षा कई सेक्टरों में छूट दी है। इसी के साथ ऐमजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को दो जोन यानि की ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में सभी प्रॉडक्ट्स की डिलिवरी शुरू करने की छूट मिल गई है।
लेकिन बढ़ते कोरोना के कहर से ऑरेंज जोन अब रेड जोन में तब्दील हो गया है जिसके कारण अब इन ई-कॉमर्स कंपनियों की समस्या बढ़ गई है। ऑरेंज जोन से किए गए बड़े पैमाने में सभी ऑर्डर अब बीच में ही फंस गए है साथ ही डिलीवरी के लिए निकले सभी कंसाइमेंट भी अटक गए है जिससे इन ई-कॉमर्स कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है। नुकसान न हो इसके लिए ये कंपनियां रेड जोन में जरूरी चीजों की स्पलाई करने की मंजूरी के लिए जोर दे रही है।
तीसरे लॉकडाउन के गाइडलाइन के साथ ऐमजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों ने ऑरेंज जोन में 284 और ग्रीन जोन में 319 ऑर्डर सप्लाई करने की सोची थी लेकिन अचानक रातों-रात ऑरेंज जोन रेड जोन में घोषित हो गए जिससे अब इन कंपनियों को काफी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। ई-कॉमर्स कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक कई राज्यों में अचानक से ऑरेंज जोन रेड जोन में तब्दील हो रहे है और इसकी वजह से जो ऑर्डर पहले ही डिलीवरी के लिए निकल चुकें है उनको बीच रास्ते में ही रोका जा रहा है। इसकी वजह से ग्राहक का पैसा भी फंस रहा है और जरूरत का सामान भी उनके पास तक पहुंच नही पा रहा है।
इससे ग्राहक का पैसा रिफंड होगा या नहीं इसे भी सुनिशिचत करना मुशिकल हो रहा है। वहीं ऐमजॉन के प्रवक्ता का कहना है कि जब से ई-कॉमर्स कंपनियों को इन दो जोन में ऑर्डर सप्लाई करने की मंजूरी मिल गई है तब से ही स्मार्ट फोन , घर के जरूरी सामान , गारमेंट जैसे चीजों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ गई है। हजारों सेलर्स इनकी सप्लाई के लिए तैयार है लेकिन अचानक से ऑरेंज जोन का रेड जोन में आ जाने से कंपनियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
बता दे कि ये सभी कॉमर्स कंपनियां अब सरकार से रेड जोन में महत्वपुर्ण चीजों की सप्लाई करने का आग्राह कर रही है। बात करे महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार की तो यहां भी ऑरेंज जोन में रेड जोन जैसे नियम लागू कर दिए है जिसकी वजह से सप्लाई करना अब मुशिकल होता दिख रहा है। टेक्नोपार्क के एडवाइजर्स सीएमडी अरविंद सिंघल के मुताबिक सरकार के इस तरह से फिल्प-फ्लॉप से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ सकता है।
भारत को न सिर्फ हेल्थ बल्कि इकॉनमी से भी काफी मार झेलनी पड़ सकती है। दुसरी और फॉरेस्टर रिसर्च के सीनीयर एनालिस्ट सतीश मीणा बताते है कि जिस तेजी से कोरोना के मामलें बढ़ते जा रहे है उसको देखते हुए सरकार ऐसी ढील नहीं देगी। उन्होंने कहा कि कंपनियों को अपने स्टाफ की सुरक्षा के लिए ग्रीन जोन में भी कई नियम बनाने होंगे। कई इंटेलर्स के वेयरहाउस वाले शहरों में भी कई बंदिशे लगी हुई है जिससे सप्लाई पर रोक लग गई है।