डीडीसी चुनाव : कश्मीर में वोटर्स बोले- इस बार विकास के लिए वोट डाल रहे

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के पहले चरण के लिए शनिवार को कड़ी सुरक्षा और कड़ाके की ठंड के बीच मतदान शुरू हो गया है। दक्षिण कश्मीर के क्रेरवा इलाके में मतदान के लिए खासी भीड़ देखी गई है।

श्रीनगर के बाहरी इलाके फकीर गुजरी में 95 साल के लेथा कोहली भी मतदान करने पहुंचे, जिन्होंने पिछले कई चुनावों में मतदान किया है। कोहली ने कहा, “ये चुनाव हमारे क्षेत्र में गरीबी को खत्म करने में मदद करेंगे और हमारे क्षेत्र में अधिक सड़कें बन सकेंगी।”

कुछ स्थानों पर मतदान धीमा रहा, लेकिन शोपियां जिले के क्रेरवा जैसी जगहों पर मतदान केन्द्रों के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। एक मतदाता ने कहा, “शोपियां जिले में क्रेरवा एक बहुत ही पिछड़ा इलाका है, हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए मतदान करने आए हैं।”

मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा। डीडीसी के चुनाव पांच चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए कुल 296 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसमें कश्मीर से 172 और जम्मू से 124 हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पंचायत राज अधिनियम -1989 में संशोधन किया और केंद्र शासित प्रदेश में जिला विकास परिषद चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त किया।

कुछ जगहों पर वोटिंग की रफ्तार धीमी है, लेकिन दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के करेरवा जैसे इलाकों में वोट डालने के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। दूसरी तरफ अगले फेज में चुनाव लड़ने वाले कुछ गैर भाजपा कैंडिडेट आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें बंधकों की तरह रखा जा रहा है और प्रचार नहीं करने दिया जा रहा।

दूसरी तरफ भाजपा के कैंडिडेट ऐसी कोई शिकायत नहीं कर रहे। इमाम साहेब इलाके से भाजपा के टिकट पर लड़ रहे अवतार कृष्ण पंडित का कहना है कि प्रत्याशियों को प्रचार के लिए जाने की पूरी आजादी है। धारा 370 हटना इस चुनाव में प्रमुख मुद्दा नहीं, बल्कि विकास और बेरोजगारी खत्म करना प्रमुख मुद्दे हैं।

निर्दलीय प्रत्याशी का आरोप- प्रचार की परमिशन नहीं दी जा रही
दूसरी तरफ लितर से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मोहम्मद मीर का कहना है कि उन्होंने अपने इलाके में जाकर प्रचार करने के लिए पुलिस से परमिशन मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई। मीर का कहना है कि सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें रोक दिया गया, जबकि भाजपा प्रत्याशी को प्रचार की छूट दे दी गई। इससे लगता है कि पाबंदियां सिर्फ कुछ लोगों के लिए ही हैं। मुझे होटल में रखा गया था, लेकिन अब EDI कॉम्प्लेक्स में जाने के लिए कहा जा रहा, जबकि मैं वहां नहीं जाना चाहता।

पहली बार प्रदेश की 6 पार्टियां एक साथ
जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार अलायंस बनाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली PDP के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है।

इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। मौजूदा राजनीतिक समीकरण के अनुसार गुपकार अलायंस कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है।

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