डेरा प्रमुख राम रहीम का प्रत्याशियों को गुपचुप समर्थन?

सिरसा। डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत सिंह के जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद वीरवार को प्रदेशभर के सभी ब्लॉक में संगत की नाम चर्चा बुलाई। यह नाम चर्चा सुबह 11 बजे से 12 बजे तक हुई। इस नाम चर्चा में डेरा प्रमुख का न तो कोई संदेश सुनाया गया और न ही चुनावों में समर्थन देने का कोई निर्णय आया।

नामचर्चा में केवल भजन सुनाए गए और सिमरन किया गया। प्रदेश में कई जगहों पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सिमरन के लिए नाम चर्चा में शामिल हुए थे। ऐसे में डेरे ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशियों को समर्थन देने पर वीरवार को अपने पत्ते नहीं खोले। डेरा प्रेमी अब चार अक्टूबर की रात का इंतजार कर रहे हैं।

चुनाव को लेकर डेरे ने नहीं दिया कोई निर्णय

शहर के हिसार रोड पर एक निजी पैलेस में सिरसा ब्लाक की नाम चर्चा हुई। सुबह से नाम चर्चा में पहुंचने के लिए डेरा प्रेमियों का तांता लग गया। नामचर्चा में डेरे की 85 सदस्यीय कमेटी के सदस्य भी शामिल हुए, लेकिन किसी ने कोई संदेश नहीं सुनाया।

12 बजे जैसे ही नाम चर्चा खत्म हुई तो प्रेमी चर्चा करते सुने गए कि डेरे ने चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं दिया। न ही कमेटी के 85 सदस्य ने कोई जिक्र किया। ऐसे में अब प्रेमी चार अक्टूबर की रात तक का इंतजार करेंगे। वहीं डेरे की इस नाम चर्चा को लेकर खुफिया विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट रहा।

ऐसे पहुंचता है डेरे का संदेश

डेरे की प्रबंधन कमेटी चुनावों में समर्थन देने का निर्णय करती है। मौजूदा समय में गुरमीत सिंह की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत डेरे की वाइस चेयरपर्सन हैं। प्रबंधन कमेटी प्रदेश की राज्यस्तरीय 85 सदस्यीय कमेटी के साथ राय मशविरा करती है।

इसके बाद समर्थन का संदेश रातों-रात जिला स्तर पर बनी 25 सदस्यीय कमेटी के माध्यम से ब्लाक स्तर पर बनी 15 सदस्यीय कमेटी के पास पहुंचता है, जोकि आगे गांव में सात सदस्यीय कमेटी के पास संदेश भेजता है। इसके बाद यह संदेश आगे डेरा प्रेमियों तक पहुंचाया जाता है।

डेरा प्रेमियों को व्हाट्सएप या मोबाइल के साथ-साथ व्यक्तिगत भी संदेश दिया जाता है। यदि किसी प्रेमी को शक होता है तो ऊपर कमेटी सदस्यों से उनकी मोबाइल पर बातचीत करवाई जाती है।

पिछले साल भंग कर दी थी राजनीतिक विंग

डेरा सच्चा सौदा सिरसा की राजनीतिक विंग को पिछले साल ही प्रबंधन ने भंग कर दिया था। हालांकि साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के सजायाफ्ता से पहले वे किसी भी पार्टी को समर्थन देने के बारे में यह कहते थे कि इसका निर्णय संगत करती है और हम अपने स्तर पर किसी को कोई आदेश नहीं देते।

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