डैनियल रॉबी ने बताई क्राइम ड्रामा ‘टारगेट नंबर वन’ बनाने की चुनौतियां

लॉस एंजेलिस| कनाडा के फिल्मकार डैनियल रॉबी को फिल्म ‘टारगेट नंबर वन’ को बनाने के लिए फाइनेंसर ढूंढने में 10 साल लग गए। उनकी ²ढ़ता और सोच में विश्वास ने उन्हें यह प्रोजेक्ट छोड़ने नहीं दिया।

‘टारगेट नंबर वन’ क्यूबेक के एक कनाडाई ड्रग एडिक्ट एलेन ओलिवियर की सच्ची कहानी पर आधारित है। 1980 के दशक में कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस द्वारा जासूसी साजिश में शामिल होने के आरोप के बाद उन्होंने थाईलैंड की जेल में 8 साल बिताए थे।

रॉबी ने कहा, “मुझे लगा कि यह कहानी मुझे सामने लानी ही चाहिए। जिन अभिनेताओं को मैंने स्क्रिप्ट दिखाई उनसे मुझे अच्छी प्रतिक्रिया मिली इसलिए मैं इसके लिए लड़ता रहा। जब मैंने इसकी कहानी सुनी थी तो इसने मुझे हिला दिया था कि कैसे खोजी पत्रकारिता ने इस आदमी की जिंदगी बदल दी जो पुलिस द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का शिकार हुआ था। इससे मेरा प्रेस की स्वतंत्रता की शक्ति में विश्वास बढ़ा।”

निर्देशक ने आगे रखा, “मुझे पता चला कि कनाडा में ऐसी फिल्में के लिए फंडिंग मिलना सबसे बड़ी समस्या है। मुझे खुशी है कि भारतीय उपमहाद्वीप में इसे व्यापक स्तर पर सराहना मिल रही है।”

इस फिल्म में एंटोनी-ओलिवियर पिलोन, जोश हार्टनेट, स्टीफन मैकहेट्टी और जिम गैफिगन हैं। इस फिल्म का भारत में 20 नवंबर को जीप्लेक्स में प्रीमियर हुआ।

जीप्लेक्स के शारिक पटेल ने कहा, “‘टारगेट नंबर वन’ एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है और हम अपने दर्शकों के लिए अच्छी क्वालिटी का कंटेन्ट उपलब्ध कराना चाहते हैं।

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