वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना है कि उन्होंने कोरोना वायरस के घातक नेचर को जानबूझकर छिपाने की बात मानी है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने इसलिए इसकी गंभीरता इसलिए छिपाई ताकि डर और उन्माद पैदा न हो। वहीं, आलोचक आरोप लगाते रहे हैं कि ट्रंप दोतरफा बात करते हैं और उन्होंने हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेला है जिन्हें बचाया जा सकता था। जर्नलिस्ट बॉब वुडवर्ड की आने वाली किताब ‘Rage’ में इसका दावा किया गया है।
ट्रंप का विरोध शुरू
राजनीतिक गलियारे में ‘Trump lied, people died’ (ट्रंप ने झूठ बोला, लोग मरे) की गूंज है। ट्रंप और उनके समर्थक उनके टेप्स पर बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। वुडवर्ड से फरवरी में ट्रंप ने इस बात को माना था कि कोरोना वायरस घातक है जबकि लोगों से वह बोलते रहे कि इससे ज्यादा खतरनाक नहीं है और धीरे-धीरे चला जाएगा। वुडवर्ड ने दिसंबर से लेकर जुलाई तक ट्रंप का इंटरव्यू किया और इस दौरान उनके बयान रिकॉर्ड किए।
ट्रंप ने वुडवर्ड की चुप्पी पर किए सवाल
ट्रंप ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, ‘बात यह है कि मैं देश के लिए एक चीयरलीडर हूं। मैं अपने देश से प्यार करता हूं और मैं नहीं चाहता हूं कि लोग डरें। मैं विश्वास दिखाना चाहता हूं, मैं ताकत दिखाना चाहता हूं।’ ट्रंप ने वुडवर्ड पर भी सवाल किया है कि अगर उन्हें लगा था कि ट्रंप सही नहीं हैं तो उन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए सच दुनिया के सामने तभी क्यों नहीं रखा। ट्रंप ने कहा कि वुडवर्ड उनसे सहमत थे और अब उन्होंने राजनीतिक तौर पर इन टेप्स का इस्तेमाल किया है।
ट्रंप ने बिलकुल नजरअंदाज किया खतरा
कुछ लोगों का मानना है कि जनता को नहीं बताना सही फैसला था। हालांकि, इस बात को गंभीरता से लिया जा रहा है कि आखिर क्यों ट्रंप ने लोगों के सामने ऐसा जाहिर किया कि वायरस ज्यादा घातक नहीं है। यही नहीं, उन्होंने मास्क पहनने जैसे कदम को प्रोत्साहन क्यों नहीं दिया। हाल ही में ट्रंप ने एक रिपोर्टर का मास्क पहनने पर मजाक भी उड़ाया था। उनकी रैलियों में लोग बिना मास्क के पहुंचे।
वहीं, ट्रंप समर्थक इस बात पर हैरान हैं कि आखिर ट्रंप वुडवर्ड से बात करने के लिए क्यों तैयार हुए। वुडवर्ड ने ही कार्ल बर्नस्टीन के साथ मिलकर वॉटरगेट खुलासा किया था। उसके बाद से उन्होंने हर राष्ट्रपति से जुड़े खुलासे किए हैं जो होश उड़ाने वाले रहे हैं।