तृणमूल कांग्रेस छोड़कर गए नेताओं की घर वापसी आसान नहीं…

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम आने के बाद तृणमूल कांग्रेस छोड़कर गए नेताओं ने फिर से घर वापसी की कोशिशें तेज़ कर दी हैं लेकिन पार्टी की सर्वोसर्वा ममता बनर्जी अब धोखेबाजों की पार्टी में वापसी की पक्षधर नहीं हैं. तृणमूल छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाली चार बार की विधायक सोनाली गुहा ने ममता बनर्जी से माफी मांगते हुए कहा है कि पार्टी छोड़ने के बाद उनकी स्थिति जल बिन मछली वाली हो गई है. सोनाली ने एक खुली चिट्ठी में लिखा है कि दीदी मैं आपके बिना नहीं रह पाउंगी.

सूत्रों का कहना है कि घर वापसी के लिए तो खुद मुकुल रॉय भी बेचैन हैं. उन्हें बस तृणमूल से ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार है. ममता सरकार में मंत्री रहे राजीब बनर्जी भी चुनाव से पहले बीजेपी में चले गए थे लेकिन ममता को मिले प्रचंड बहुमत के बाद उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ.

राजीब ने हालांकि खुलकर यह बात नहीं कही कि वह घर वापसी चाहते हैं लेकिन हाल में उनका एक बयान इसी इच्छा को जताता है जिसमें उन्होंने कहा कि विशाल जनादेश से चुनी गई सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकियों को जनता स्वीकार नहीं करेगी.

तृणमूल छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले जिन नेताओं ने घर वापसी के लिए दरवाज़ा खटखटाया है उनकी चिट्ठियां ममता बनर्जी के टेबिल पर पहुँच चुकी हैं. पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी का कहना है कि घर वापसी का फैसला पार्टी अध्यक्ष को ही लेना है लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ ममता बनर्जी फिलहाल किसी जल्दी में नहीं हैं. वह ऐसे नेताओं को धोखेबाज़ मानती हैं और धोखेबाजों की पार्टी में वापसी कराने का उनका मन नहीं है.

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