नई दिल्ली। कृषि कानून को स्थगित करने की मांग को लेकर किसानो को आन्दोलन करते हुए एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। किसानों के इस आन्दोलन को कई राजनीतिक पार्टियों को समर्थन मिल रहा है। इस बीच खबर है कि किसानों के इस आंदोलन को एनआरआई का समर्थन भी मिल सकता है। इसके लिए पंजाब के लोगों के एक समूह ने ऑनलाइन अभियान शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि पंजाब के लोगों के एक समूह ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को ‘नैतिक और भौतिक’ समर्थन देने के लिए प्रवासी भारतीयों से भारत आने के आग्रह वाला एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। इस अभियान को ‘एनआरआई चलो दिल्ली’ नाम दिया गया है। साथ ही इसका आयोजन माणिक गोयल और जोबन रंधावा कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इस आंदोलन को लेकर एनआरआई के बीच जागरूकता को बढ़ाना चाहते हैं और किसानों के मुद्दों के लिए उनके समर्थन को हासिल करना चाहते हैं।
आयोजकों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों को ‘नैतिक और भौतिक’ समर्थन देने के लिए एनआरआई के एक समूह ने 30 दिसंबर को भारत पहुंचने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘एनआरआई के समूह का नेतृत्व सुरिंदर मावी (टोरंटो-पटियाला) और उनके दोस्त रमन बरार (टोरंटो-फरीदकोट), विक्रमजीत सरन (वैंकूवर-मनसा) कर रहे हैं। ये लोग आंदोलनरत किसानों को नैतिक और भौतिक सहायता प्रदान के लिए भारत आएंगे हैं।’
जाहिर है की किसानों द्वारा किये जा रहे आन्दोलन को विश्वभर के कई देशों में समर्थन मिल रहा है। ब्रिटेन से लेकर और भी कई देशों किसानों के समर्थन में रैली कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नयी पेशकश पर बैठक की। इसके बाद कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला ले सकते हैं।
संगठन का कहना है कि शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी जिसमें रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला लिया जा सकता है।