लखनऊ। चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस ने हजारों किलोमीटर का सफर तय करके विश्व के कई देशों में तबाही मचा चुका है। कोरोना अब भी खत्म नहीं हुआ है और अब भी जिंदगियां निगल रहा है। हालांकि अब कोरोना की वैक्सीन भी आ चुकी है और बहुत जल्द लोगों को कोरोना से मुक्ति मिलेगी।
भारत के 116 जिलों में 259 सेंटरों पर वैक्सीन का ड्राई रन किया जा रहा है। ड्राई रन का मकसद टीकाकरण के लिए सरकार की तैयारियों को परखना है।
कोरोना वायरस और उसके दूसरे स्ट्रेन के खौफ के बीच सबके मन में सवाल है कि वैक्सीनेशन का काम कब और कैसे शुरू होगा। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन फ्री में दी जाएगी।
दूसरी ओर कोरोना वैक्सिन को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारत सरकार की कोरोना वैक्सीन को बीजेपी का वैक्सीन करार दिया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा था
अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि मैं बीजेपी की कोरोना वैक्सीन को नहीं लगवाऊंगा। मुझे इनकी वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार आएगी तो जनता को मुफ्त में कोरोना का टीका मुहैया कराया जाएगा। अखिलेश के इस बयान के बयान राजनीति घमासान भी देखने को मिल रहा है।
मामला बढ़ता देख अखिलेश यादव ने अपने बयान पर सफाई भी देने में देर नहीं की है। अखिलेश यादव ने कहा कि, हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है।
हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएँगे। सपा की सरकार वैक्सीन मुफ़्त लगवाएगी। वहीं, अखिलेश के वैक्सीन पर सवाल उठाने को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया है।
अखिलेश पर केशव प्रसाद मोर्या का पलटवार
अखिलेश यादव के बयान के बाद यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या का भी बयान आया है। अखिलेश पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश यादव को वैक्सीन पर भरोसा नहीं और उत्तर प्रदेश वासियों को अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं! वैक्सीन पर सवाल उठाना वैज्ञानिकों का अपमान माफ़ी माँगे।
राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अखिलेश को घेरा
अखिलेश के बयान पर केंद्र सरकार में राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उनका यह कहना कि वह वैक्सीन नहीं लगवाएंगे क्योंकि भाजपा की वैक्सीन है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण बयान है।
एक राजनीतिक दल के साथ कोविड 19 वैक्सीन को जोडऩा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे यह दिखता है कि अखिलेश यादव राजनीति से ऊपर कुछ नहीं सोच सकते हैं।
अखिलेश यादव ने सफाई दी
उधर मामला बढ़ता देख कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने सफाई दी। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों की क्षमता पर पूरा भरोसा है. लेकिन बीजेपी की ताली थाली वाली अवैज्ञानिक सोच पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,कि हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है। हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएँगे। सपा की सरकार वैक्सीन मुफ़्त लगवाएगी।
उमर अब्दुल्ला बोले- मैं खुशी से लगवाऊंगा वैक्सीन
इस बीच उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं किसी और के बारे में तो नहीं जानता लेकिन जब मेरी बारी आएगी तो मैं खुशी से अपनी आस्तीन ऊपर कर लूंगा और कोरोना की वैक्सीन लूंगा। ये वायरस बहुत ही हानिकारक रहा है। यदि एक टीका सभी उथल-पुछल के बाद सामान्य स्थिति लाने में मदद करता है तो मुझे भी शामिल करें।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला करते हुए कहा, यह वैज्ञानिकों का अपमान है ।
पात्रा ने अखिलेश यादव के बयान को शेयर करते हुए ट्वीट किया और लिखा, हे प्रभु!! …इनका क्या हाल हो गया है ..अब vaccine भी इन्हें BJP की दिख रही है !! पात्रा ने कहा, वैक्सीन पर सवाल उठाना वैज्ञानिकों का अपमान है।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र दुबे कहते हैं कि अखिलेश ने वैक्सीन को लेकर जो कुछ कहा है वो एक तरह का कटाक्ष है लेकिन इसे कटाक्ष ही रहने दिया जाये तो ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में मोदी सरकार में लोगों का भरोसा कम हुआ है।
इस वजह से अखिलेश यादव ने इस तरह का कटाक्ष किया है लेकिन एक नेता के तौर पर उनको इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए थे।
वैक्सीन किसी पार्टी विशेष की नहीं होती है। एक राजनीतिक दल के साथ कोविड 19 वैक्सीन को जोडऩा ठीक नहीं है इसलिए अखिलेश को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों में आम राय नहीं है। भले ही वैक्सीन को राजनीति देखने को मिल रही है लेकिन बहुत से वैक्सीन को लेकर अपनी अलग-अलग राय रखते हैं ।
बता दें कि कोरोना संकट को मात देने के लिए वैक्सीन ही एक रास्ता नज़र आ रहा है, लेकिन एक सर्वे में कुछ हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए थे। अमेरिका में किए गए सर्वे के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में करीब 50 फीसदी लोग ही अपनी मर्ज़ी से कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाना चाहते हैं।
अमेरिका की वर्जिनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी द्वारा वहां के युवाओं पर एक सर्वे किया गया था, जिसमें कोविड वैक्सीन के इस्तेमाल की मिली इजाजत को लेकर सवाल हुए और पूछा गया कि क्या वो वैक्सीन का टीका लगवाएंगे था करीब 50 फीसदी लोगों ने या तो ना में जवाब दिया, वरना टालने की कोशिश की थी।