नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के एक दिन बाद भी लापता लोगों के परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों की तलाश में जुटे हैं। वे खोए परिजनों की तस्वीरें लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा। और तो और कई लोगों ने कहा कि अस्पताल ने उन्हें वहां भर्ती मरीजों के बीच अपने परिवार के लापता सदस्यों को खोजने की अनुमति नहीं दी, जिससे उनकी उम्मीदें निराशा में बदल गईं। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।
एलएनजेपी अस्पताल के बाहर भोला साह ने अपने मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी मीना की तस्वीर दिखाई। भगदड़ के बाद से ही मीना लापता हैं। साह ने बताया, ‘‘मेरी पत्नी कल शाम से लापता है, जब वह महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पकड़ने पकड़ने रेलवे स्टेशन गई थीं। उसके पास कोई टिकट नहीं था। उसके साथ रहे 4-5 लोग भी लापता हैं और उनके मोबाइल नंबर पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल अधिकारियों ने मुझे बताया कि भगदड़ में मारे गए लोगों का कोई शव नहीं है, क्योंकि सभी शवों को उनके रिश्तेदार ले गए हैं।’’
मोअज्जम अपने दोस्तों के साथ एलएनजेपी अस्पताल में अपने लापता भाई नदीम के बारे में पूछताछ करते दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘वह स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से दरभंगा में अपने घर वापस जा रहा था। मुझे उसका कोई सुराग नहीं लगा है क्योंकि उसके पास कोई मोबाइल फोन नहीं है। उसकी ट्रेन शनिवार रात को प्लेटफॉर्म नंबर 13 से रवाना होने वाली थी।’’ मोअज्जम ने कहा, ‘‘अस्पताल के अधिकारियों ने मुझे वहां भर्ती घायलों के बीच अपने भाई को खोजने नहीं दिया।’’
गौरतलब है कि शनिवार शाम के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज में महाकुंभ में जाने के लिए उमड़ी लोगों की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। रेलवे के अनुसार, इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा इस हादसे में कई लोग घायल हो गए। घायलों को लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) और मध्य दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन हादसे के करीब 24 घंटे बाद भी कई लोग अपने परिजनों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)