नई दिल्ली। दुनियाभर के 138 देशों की सैन्य ताकत का लेखा-जोखा बताने वाले ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स ने 2021 की रैंकिंग जारी कर दी है। इसमें भारत पिछली रैंकिंग बरकरार रखते हुए चौथे स्थान पर है। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर अमेरिका, रूस और चीन हैं। सबसे बड़ा उलटफेर पाकिस्तान ने किया है।
पिछले साल 15वीं रैंक पर रहा पाकिस्तान पांच पायदान की छलांग लगाकर टॉप-10 में शामिल हो गया है। टॉप-15 देशों में पाकिस्तान एकमात्र देश है, जिसकी रैंकिंग बढ़ी है। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा की चीजों के बढ़ते दामों के बीच सेना की यह तेजी बताती है कि पड़ोसी देश ने जनता को उसके हालात पर छोड़कर सिर्फ सेना की ताकत बढ़ाई है।
अहम तथ्य यह भी है कि पाकिस्तान ने इजराइल, कनाडा, ईरान और इंडोनेशिया को पीछे छोड़ा है। यह रैंकिंग 50 फैक्टर्स पर बनाई जाती है। इसमें सैन्य ताकत से लेकर वित्तीय, लॉजिस्टिकल क्षमता, विकास की स्थिति और भौगोलिक ताकत शामिल है।
यह रैंकिंग ऐसे समय आई है, जब भारत का अपने पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर है। भारत के सामने टू फ्रंट वॉर का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में चीन और पाकिस्तान की वायुसेना ने भारत के राफेल फाइटर जेट को मार गिराने का संयुक्त अभ्यास किया था।
चीन की मदद से पाक की ताकत बढ़ी, भारत भी तैयार
रिटायर्ड मेजर जनरल पीके चक्रवर्ती के मुताबिक, यह रैंकिंग तकनीकी कौशल और डिजिटलीकरण के बजाय सिर्फ संख्या के आधार पर बनाई गई है। आर्थिक प्रतिबंधाें के बावजूद पाकिस्तान चीन से बेतहाशा हथियार खरीद रहा है। इनमें जेएफ 17 फाइटर जेट, पनडुब्बी, टैंक, गन और मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं।
पाकिस्तान का घोषित रक्षा बजट 92,500 करोड़ रुपए (12.5 अरब डॉलर) है। यह उसकी जीडीपी का 3.98% है, जो बहुत ज्यादा है। चीन ही उसे न्यूक्लियर टेक्नाेलॉजी देने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने में मदद कर रहा है। इन सबके चलते बड़ी भारी फौज और पैरामिलिट्री इकट्ठा कर चुका पाकिस्तान अन्य देशों को रैंकिंग में मात दे पाया है। पाकिस्तान की कोशिशों से भारत अच्छी तरह से वाकिफ है। इसीलिए दोहरे मोर्चे पर लड़ने के हिसाब से ही भारत अपनी तैयारी कर रहा है।