देवरिया (यूपी)। देवरिया जिले में सोमवार को हुए नरसंहार का एकमात्र जीवित बचा आठ साल का लड़का बेहद सदमे में है। कक्षा तीन के छात्र का गंभीर हालत में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लड़के को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उसके महत्वपूर्ण अंग सुरक्षित हैं। वह अभी भी इस सदमे से उबर नहीं पाया है। अस्पताल में लड़के की देखभाल कर रहे स्थानीय निवासी विकेश बाबू ने कहा, “वह इस भयानक कृत्य से जीवित बचा एकमात्र व्यक्ति है।”
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब लड़के को अस्पताल लाया गया तो वह अर्धबेहोशी की हालत में था। जब डॉक्टर उसे इंजेक्शन लगा रहे थे, तो वह बार-बार “पापा” कहता रहा।
पुलिस अधिकारी ने कहा, हमले के दिन लड़के का परिवार सुबह नाश्ते की तैयारी कर रहा था। इसी बीच अचानक लड़के के पिता सत्य प्रकाश मदद के लिए चिल्लाने लगे। लड़के की सबसे बड़ी बहन 18 वर्षीय सलोनी उसकी मदद के लिए दौड़ी, लेकिन बाद में वह भी मदद के लिए चिल्लाने लगी। इसके बाद, उसकी मां किरण दौड़ीं। बाद में, 15 वर्षीय गांधी और 10 वर्षीय नंदिनी, जो बाहर पिछवाड़े में खेल रहे थे, वे भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन पर भी हमला किया गया।
जब किरण ने अपने बच्चों को बचाने की कोशिश की, तो उस पर पीछे से किसी कठोर वस्तु से वार किया गया और वह गिर पड़ी। मदद के लिए चीख-पुकार सुनकर जब स्थानीय लोग इकट्ठा होने लगे तो हमलावर भाग गए।
पीड़ितों के एक रिश्तेदार ने कहा कि लड़के को यह बताकर सांत्वना दी गई कि उसके माता-पिता और भाई-बहन जीवित हैं और दूसरे अस्पताल में हैं।
इस बीच, छह मृतकों के शवों के किए गए पोस्टमाॅर्टम से अपराध की भीषण प्रकृति का पता चला। पुलिस सूत्रों ने कहा कि सत्य प्रकाश दुबे को बहुत नजदीक से सीने पर गोली लगी है।
एक अधिकारी ने कहा, “इससे उनकी छाती के दाहिनी ओर कालापन आ गया और उनकी मौत हो गई।” मृतकों में से एक प्रेम यादव की खोपड़ी टूटी हुई पाई गई, इसके अलावा उसके शरीर पर 10 गंभीर चोटें थीं, जो किसी भारी वस्तु से आई प्रतीत होती हैं।
अधिकारी ने कहा कि अन्य मृतकों, किरण, गांधी और नंदिनी को कई चोटें आईं, जबकि सलोनी की गर्दन को तेज धार वाले हथियार से काटा गया था। दुबे के आवास पर अपराध स्थल का दौरा करने वाले एक फोरेंसिक अधिकारी ने कहा कि मुख्य दरवाजे पर जबरन प्रवेश के निशान दिखाई दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ”घर खून के धब्बों से बिखरा हुआ था।” पुलिस ने सत्य प्रकाश की बड़ी बेटी निशा दुबे की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा कि प्रेम यादव के परिवार की ओर से अभी तक शिकायत नहीं मिली है।
रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर ग्राम पंचायत में सोमवार की सुबह भूमि विवाद में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत छह की हत्या कर दी गई। एक बच्चा गंभीर है। इस मामले में पुलिस ने 27 नामजद समेत 77 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में बलवा, मारपीट, हत्या व जानलेवा हमले का केस दर्ज किया है। 14 आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। गांव में तनाव को देखते हुए करीब दो दर्जन थानों की पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। मौके का कमिश्नर और आईजी ने पहुंच कर जायजा लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने प्रशासन को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मामले में दोषियों के खिलाफ कमिश्नर/आईजी को त्वरित और कठोरतम कार्रवाई कराने के लिए कहा है। वह खुद घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। उनके निर्देश पर अपराह्न करीब 3 बजे स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद हेलीकाप्टर से देवरिया पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ से डीजी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी हेलीकॉप्टर से पहुंचे। जिला प्रशासन के निर्देश पर दो डॉक्टरों की टीम ने सभी छह शवों का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान सीएमओ डॉ. राजेश झा और सीएमएस डॉ. एचके मिश्रा के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। जानकारी के मुताबिक, पोस्टमार्टम में सत्यप्रकाश की पत्नी किरन, बेटी सलोनी और बेटे गांधी को गोली लगने की बात सामने आई है।
हत्या के पीछे जमीन का विवाद ही सामने आ रहा है। फतेहपुर के लेड़हा टोले के रहने वाले सत्य प्रकाश दुबे के छोटे भाई साधु दुबे ने 2014 में अपने हिस्से की करीब 10 बीघा भूमि गांव के अभयपुरा टोले के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव (45) को बेच दी थी। इसी जमीन को लेकर सत्यप्रकाश और प्रेमचंद के परिवार के बीच रंजिश चल रही थी। सोमवार की सुबह करीब 7 बजे प्रेमचंद यादव बाइक से खेत पर गए थे। इसके बाद वे सत्यप्रकाश दूबे के घर पहुंच गए। यहां उनकी सत्यप्रकाश के परिजनों से कहासुनी होने लगी।
विवाद बढ़ गया और धारदार हथियार से सत्यप्रकाश दूबे व उनके परिजनों ने प्रेमचंद यादव की गला रेत कर हत्या कर दी। घटना की जानकारी होते ही प्रेमचंद के परिजनों और उनके समर्थकों ने लाठी-डंडे और असलहे लेकर सत्यप्रकाश दूबे के घर पर हमला बोल दिया। आक्रोशित लोग घर का दरवाजा तोड़ते हुए अंदर घुस गए।
सत्यप्रकाश दूबे (55), पत्नी किरन दूबे (45), बेटी सलोनी (18), बेटी नंदिनी (10), बेटा गांधी (15) और बेटे अनमोल (8) पर हमला कर दिया। सभी को बेरहमी से लाठी-डंडे से मारने पीटने के साथ ईंट से कूंचने के बाद गला रेत दिया। गोली भी मारी गई। सत्यप्रकाश दूबे, उनकी पत्नी, दो बेटी और एक बेटे की हत्या कर दी। आठ साल के अनमोल की स्थिति गंभीर है। उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया है।
डीएम अखंड प्रताप सिंह के अनुसार घटना के पीछे भूमि विवाद है, लेकिन उससे संबंधित सभी मामलों का निपटारा हो गया था। इसके बावजूद दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी। सुबह प्रेम यादव, सत्यप्रकाश दुबे के घर पर आए थे, जिसमें कहासुनी हुई और सत्यप्रकाश दुबे और उनके परिजनों ने प्रेम यादव की धारदार हथियार से हत्या कर दी। कुछ देर बाद प्रेम यादव के टोले से लोगों ने सत्यप्रकाश दुबे के घर पर हमला कर घटना को अंजाम दिया। मामले में दो गिरफ्तारी हुई है। प्रकरण की जांच जारी है।