राफेल से परेड का समापन, राजपथ पर दिखी ताकत व सांस्कृतिक विरासत की इलक

नई दिल्ली देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पहुंचकर तिरंग फहराया। इस अवसर पर राजपथ पर आयोजित परेड में पूरी दुनिया भारत की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकत की झलक देख रही है।  इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई।

इसके बाद परेड की शुरुआत हुई। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं है। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी है। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

LIVE Republic Day 2021 Parade Updates:

– राफेल विमान के फ्लाईपास्ट से परेड का समापन हुआ। इसने आसमान में 900 किमी/घंटा की रफ्तार से वर्टिकल चर्ली का फर्मेशन किया। इसे शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने उड़ाया। उनके साथ 17 स्कवाड्रन के कामंडिंग ऑफिसर स्कवाड्रन लीडर किसलयकांत मौजूद रहे।

– फ्लाइ पास्ट की शुरुआत एक डकोटा वायुयान, दो Mi-17 हेलिकॉप्टरों के रूद्र फॉरमेशन के साथ हुई। बता दें कि 1947 में शत्रुओं को सीमा से बाहर खदेड़ने में इसने बड़ी भूमिका निभाई थी।

आसमान में राफेल ने अपनी ताकत दिखाई। राफेल लड़ाकू विमान ने एकलव्य फॉर्मेशन की अगुवाई  की। राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमान हैं। इस फॉर्मेशन का नेतृत्व 17 स्क्वाड्रन के कैप्टन रोहित कटारिया ने की। विमानों ने 780 किमी/ प्रति घंटा की रफ्तार से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी।

भारतीय वायुसेना का दम: रिपब्लिक डे परेड में वायसेना ने त्रिनेत्र फॉर्मेशन बनाया। इसे त्रिशूल फॉर्मेशन भी कहा जाता है। इसमें एक राफेल जेट फाइटर भी शामिल हुआ। राफेल की पहली खेप पिछले साल ही इंडियन एयरफोर्स को मिली है।

राफेल के साथ 2 जगुआर डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट और 2 मिग-29 भी नजर आए। इन्होंने मिलकर एकलव्य फॉर्मेशन बनाया। इस दौरान इनकी ऊंचाई 300 मीटर और रफ्तार 780 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इस फॉर्मेशन का नेतृत्व कैप्टन रोहित कटारिया ने किया।
राफेल के साथ 2 जगुआर डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट और 2 मिग-29 भी नजर आए। इन्होंने मिलकर एकलव्य फॉर्मेशन बनाया। इस दौरान इनकी ऊंचाई 300 मीटर और रफ्तार 780 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इस फॉर्मेशन का नेतृत्व कैप्टन रोहित कटारिया ने किया।

72वें गणतंत्र दिवस की परेड पर एक मुख्य आकर्षण बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी रही। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अब मोहम्मद शमूर शाबान ने किया। बांग्लादेश की किसी सैन्य टुकड़ी ने पहली बार हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया है। इस टुकड़ी में कुल 122 जवान शामिल हैं।

राजपथ पर परेड में हिस्सा लेती बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी।
राजपथ पर परेड में हिस्सा लेती बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी।

– केंद्र शासित प्रदेश (UT) का दर्जा प्राप्त होने के बाद लद्दाख की पहली झांकी रिपब्लिक डे परेड में शामिल हुई। इसमें राज्य की संस्कृति और विरासत को दिखाया गया था।

केंद्र शासित प्रदेश (UT) का दर्जा प्राप्त होने के बाद लद्दाख की पहली झांकी रिपब्लिक डे परेड में शामिल हुई। इसमें राज्य की संस्कृति और विरासत को दिखाया गया था।
केंद्र शासित प्रदेश (UT) का दर्जा प्राप्त होने के बाद लद्दाख की पहली झांकी रिपब्लिक डे परेड में शामिल हुई। इसमें राज्य की संस्कृति और विरासत को दिखाया गया था।

 72वें गणतंत्र दिवस की परेड पर एक मुख्य आकर्षण बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी रही। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अब मोहम्मद शमूर शाबान ने किया। बांग्लादेश की किसी सैन्य टुकड़ी ने पहली बार हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया है। इस टुकड़ी में कुल 122 जवान शामिल हैं।

एयरफोर्स की 140वीं एयर डिफेंस रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी।
एयरफोर्स की 140वीं एयर डिफेंस रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी।

– राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल भारतीय सेना का टैंक टी90। इसे सेना में भीष्म के नाम से जाना जाता है।

– इस बार परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा कर रहे हैं। वे ही परेड कमांडर हैं।

– आत्मनिर्भर भारत अभियान थीम के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से कोरोना वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया को दर्शाया

 

– पंजाब की झांकी में 9 वें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाई गई। झांकी की थीम ‘श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती’ है।

– राजपथ पर उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर व राज्य पशु-कस्तूरी मृग की झलक देखने का मिली।

-अयोध्या- उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की थीम पर बनाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी। अयोध्या में दिपोत्सव भी दिखाया गया।

– राजपथ पर गुजरात राज्य की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर को दर्शाया गया।

– गणतंत्र दिवस परेड में सांस्कृतिक झांकियों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसमें लद्दाख सबसे आगे है। यह इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली झांकी है। इसमें लद्दाख की संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाया गया। झांकी की थीम-भविष्य का विजन है।

– गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर 841 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) के पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम का नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। 214 mm पिनाका MBRL दुनिया की सबसे एडवांस रॉकेट सिस्टम में से एक है।

– राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टुकड़ी  राजपथ पर मार्च करती हुई। इन्हें ब्लैक कैट कमांडो के रूप में भी जाना जाता है। 1984 में बल का गठन हुआ था।

– राजपथ पर मार्च करता केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बैंड का दस्ता। इंस्पेक्टर शमशेर लाल बैंड का नेतृत्व कर रहे है।

– गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर मार्चिंग दस्ता गढ़वाल राइफल्स का नेतृत्व 17 वीं बटालियन के कैप्टन राजपूत सौरभ सिंह कर रहे हैं।

– राजपथ पर वायुसेना की झांकी। इस झांकी की थीम भारतीय वायुसेना शान से आकाश को छूते हुए है।

– गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर डिप्टी कमांडेंट घनश्याम सिंह की कमान में सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता।

– राजपथ पर वायुसेना बैंड का दस्ता। वारंट ऑफिसर अशोक कुमार बैंड दस्ते का नेतृत्व कर रहे हैं।

– राजपथ पर नौसेना की झांकी। इस झांकी की थीम-स्वर्णिम विजय वर्ष है, इसमें 1971 में नौसेना के कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया है

– लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा गणतंत्र परेड का नेतृत्व परेड कमांडर के रूप में कर रहे हैं।

– गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता नौसेना के ब्रास बैंड का दस्ता।

– गणतंत्र दिवस के मौके पर परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता राजपथ पर परेड करते हुए।

– गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता बांग्लादेशी आर्मी का दस्ता। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर शवन कर रहे हैं। 122 सदस्यीय मजबूत दल पहली बार परेड में भाग ले रहा है। बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां उनका स्वागत किया। इसके बाद वह राजपथ पहुंचे जहां वह परेड का गवाह बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आज खास जामनगर की पगड़ी पहनी हुई है। इस तरह की पहली ‘पगड़ी’ पीएम को जामनगर के शाही परिवार ने उपहार में दी थी। उन्होंने इंडिया गेट पर नेशनल वॉर मेमोरियल में सेरेमोनियल बुक पर हस्ताक्षर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत , चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने और चीफ ऑफ नेवी स्टाफ एममिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे।

राफेल लड़ाकू विमान इसका मुख्य आकर्षण होगा। गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर  दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरी राजधानी अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। जमीन से लेकर आसमान तक कड़ा पहरा है।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पैरा मिलिट्री तैनात है। सोमवार रात 12 बजे से ही दिल्ली की सभी  सीमाएं सील कर दी गई हैं। इंट्री उन्हें ही मिलेगी, जिन्हें अति आवश्यक काम होगा।

गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र बलों की झांकी के अलावा, 17 झांकियां विभिन्न राज्यों की होंगी। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों की नौ झांकियां और अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियां होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाएंगे और वहां शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

इसके बाद वह राजपथ जाएंगे और परेड का गवाह बनेंगे। परंपरा के अनुसार झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान होगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सलामी लेंगे।

इसके बाद परेड की शुरुआत होगी। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी है। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी नजर आएगी

बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी राजपथ पर नजर आएगी। यह टुकड़ी बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी, जिन्होंने दमन व अत्याचार के खिलाफ लड़ते हुए बांग्लादेश को 1971 में आजादी दिलाई थी। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।

1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी प्रस्तुत करेगी नौसेना

परेड के दौरान थल सेना की ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ और रॉकेट सिस्टम पिनाका समेत अन्य अपना दमखम दिखाएंगी। वहीं नौसेना आइएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी प्रस्तुत करेगी।

वायुसेना हल्के लड़ाकू विमान तेजसऔर टैंक रोधी मिसाइल ध्रुवास्त्र पर पेशकश दिखाएगी। राफेल के अलावा वायु सेना के 38 और थल सेना के चार विमान परेड में हिस्सा लेंगे।

क्या देखने को मिलेगा पहली बार

राफेल लड़ाकू विमानों द्वारा फ्लाईपास्ट के अलावा राजपथ पर इस बार कोरोना वैक्सीन की झांकी दिखाई जाएगी। लद्दाख की झांकी भी पहली बार देखने को मिलेगी। इसके अलावा भावना कांत गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट होंगी। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में तैनात सैनिकों की भागीदारी भी लोगों को काफी रोमांचित करेंगी।

कोरोना के कारण बहुत चीजें देखने को नहीं मिलेंगी

कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और फेस मास्क की भी व्यवस्था की गई है। इसके चलते केवल 25,000 लोगों को राजपथ पर समारोह देखने के लिए आने की अनुमति दी गई है।

आम तौर पर हर साल होने वाले इस आयोजन में एक लाख से अधिक दर्शक शामिल होते हैं। इस साल परेड भी छोटी होगी। लाल किले तक मार्च करने के बजाय राष्ट्रीय स्टेडियम में परेड समाप्त होगी। लाल किले तक केवल झांकियों के जाने की अनुमति होगी। मोटरसाइकिल स्टंट भी देखने को नहीं मिलेगा।

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